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शाकाहार – सर्वोत्तम

मयंक कुमार जैन
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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आम के फल का स्वाद नहीं ले सकता। इसी प्रकार बीज रूप में जैसा आहार लिया जाता है, वैसे ही भाव-विचार और आचार होते हैं।

आहार दो प्रकार के है- शाकाहार और मांसाहार। शाकाहार अहिंसामूलक है, तो मांसाहार हिंसामूलक। शाकाहार स्वास्थ्यप्रद है, तो मांसाहार रोगों का घर, शाकाहार मानवीय और सौन्दर्यपरक आहार है तो मांसाहार आसुरी और विकृतिपरक, in ७७ सात्विक है तो मांसाहार कालकूटविष, शाकाहार प्रकाश की ओर ले जाता है तो की गौरव गरिमा है। शाकाहार ही मानव के अन्दर संतोष, सादगी, सदाचार, स्नेह, सहानुभूति और समरसता जैसे चारित्रिक गुणों का विकास कर सकता है, मांसाहार कदापि नहीं।

शाकाहारी का मन जितना संवेदनशील होता है मांसाहारी का नहीं हो सकता। शाकाहार का तात्पर्य है चारों ओर स्नेह और वि वास का वातावरण बनाकर प्रकृति के कण-कण को सह अस्तित्व की भावना से भयमुक्त करना। एक संतुलित सामाजिक प्रगति के लिये शाकाहार की अनिवार्यता अपरिहार्य है।

शरीर को हृष्टपुष्ट बनाने के लिये शाकाहार-जिसमें फल, साग, सब्जी मेवे अनाज आदि है-ही सर्वोत्तम आहार है। इसमें सभी प्रकार के विटामिंस और पौष्टिक तत्व पर्याप्त मात्रा में विद्यमान हैं। ८ in ७८८ in y

मेडिकल साईंस व बडे-बडे डॉक्टर एवं आहार विज्ञानी आज यह मानते हैं कि शाकाहार में निम्न पौष्टिक तत्त्व पाये जाते हैं:-

प्रोटीन: यह शारीरिक विकास्, फुर्तीलापन, उत्साह और शक्ति उत्पन्न करता है। यह दालों, अनाज, चना, मटर, सोयाबीन, मूँगफली, काजू, बादाम, हरी सब्जियों, दूध, दही, पनीर, सेव, फल, मेवे आदि में पर्याप्त मात्रा में आया जाता है।

चिकनाई: यह बलवर्धक होता है तथा दूध, घी, मक्खन, मलाई, सरसों, नारियल तथा तिल के तेल एवं बादाम, अखरोट तथा अन्य सूखे मेवे में मिलता है। इसे पचाने के लिये अधिक परिश्रम की आवश्यकता होती है।

कार्बोहाइड्रेट्स: यह शरीर में शक्ति और गर्मी पैदा करता है। यह गेहूँ, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, गन्ना, खजूर, दूध, मेवा, मीठे फल, गुड, शक्कर, बादाम, दाल, ताजी सब्जियों आदि में पाया जाता है। भोजन में कार्बोहाइड्रेटस का पूरा लाभ उठाने के लिये उसे खूब चबा कर खाना चाहिये। जितनी लार भोजन में मिलेगी उतना ही अधिक कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को मिलेगा।

खनिज लवण

अ. कैल्शियम : यह हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाता है, बाल घने और मजबूत बनाता है और दिल को ठीक रखता है। यह हरी सब्जियों, गेहूँ, चावल, दालों, दूध, छाछ, पनीर, बादाम, समस्त मीठे फल, खांड, मुरब्बा आदि में पाया जाता है।

ब. फॉस्फोरस: बढते शरीर और दिमाग की ताकत के लिये यह विशेष लाभदायक है और पनीर, दही, गेहूँ, मक्का, दाल, दूध, छाछ, पनीर, बादाम, समस्त मीठी फल, खांड, मुरब्बा आदि में पाया जाता है।

स. यह खून बनाता है और उसे लाल करता है तथा शरीर के प्रत्येक तंतु तक ऑक्सीजन पहुँचाता है। इसकी कमी से खून की कमी हो जाती है, यह हरी सब्जियों, अनाज, दाल, रोटी, सेम, मटर, हरे पत्ते वाली तरकारी, सूखे मेवे, पालक, खीरा, सेव अनार दूध आदि में पाया जाता है।

मेडिकल बेसिक ऑफ़ नुट्रिशन पब्लिश्ड बाय चैरिटेबल के अनुसार शाकाहार में निम्न विटमिंस पाये जाते हैं-

विटामिन ए- हरी सब्जियों, नीबू, अमरूद, आँवला, संतरा, मौसमी आदि में मिलता है।

विटामिन बी- हरी पत्तेदार सब्जियों तथा अनाज में पाया जाता है।

विटामिन सी- हरी सब्जियों, नीबू, अमरूद, आँवला, संतरा, मौसमी आदि में मिलता है।

विटामिन डी- इसका प्रमुख स्त्रोत है सूर्य की किरणें। यद्यपि पशु तथा पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में भी कुछ मात्रा में प्राप्त होता है।

विटामिन इ- यह घी मक्खन में बहुतायत से होता है।

विटामिन के- यह हरी सब्जियों में पाया जाता है।

अपनी रुचि और आर्थिक स्थिति के अनुसार पदार्थों का चयन कर शाकाहारी हो जन तैयार किया जा सकता है। मांसाहार की अपेक्षा शाकाहार सस्ता होने के साथ-साथ स्वादिस्ट, रोगप्रतिरोधक तथा शक्तिप्रद भी होता है। फल सब्जियों तथा कुछ विशेष प्रकार के फाइबर अनेक रोगों को दूर करने में अचूक औषधि का काम करते हैं। जब सभी प्रकार के विटामिन्स तथा पौष्टिक तत्त्व शाकाहारी पदार्थों और सूर्य की किरणों से प्राप्त हो सकते हैं तथा हमारे भोजन के उद्देश्य की पूर्ति शाकाहार से पूर्ण हो सकती है तो हिंसक और क्रूर प्राणियों जन्म देने वाले मांसाहार के द्वारा लाखों करोडों जीवों का घातकर इस जन्म में अनेक रोगों को निमंत्रण देने के साथ-साथ अपने परलोक को बिगाडना हमारी मूर्खता नहीं तो और क्या है? इसीलिए हमे शाकाहारी ही रहना चाहिए।

परिचय :- मयंक कुमार जैन
निवासी : अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
सम्प्रति : मंगलायतन विश्व विद्यालय अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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