Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कान्हा स्वामी

मीना भट्ट “सिद्धार्थ”
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
********************

मन्दाक्रान्ता
विधान : वार्णिक छंद
गण संयोजन
मगण भगण नगण तगण तगण गुरु गुरु
२२२ २११ १११ २२१ २२१ २२
१७ वर्ण प्रति चरण ४, ६, ७ वर्णों पर यति
४ चरण, दो दो चरण समतुकांत

कान्हा स्वामी, नमन करिए, भावना नित्य बोले।
वंशी देखो, बजत प्रभु की, राधिका मुग्ध डोले।।
संगी ग्वाला, सुमिरत सुनो, श्याम प्यारे उबारो।
राधा ध्यावे, नटवर सदा, नाम कान्हा पुकारो।

राधे रानी, नित किशन का, नाम जापें विधाता।
झूमें गोपी, नटवर कहें, आप हो श्याम दाता।।
मीरा प्यारे, मनहर प्रभो, नाथ प्यारे नमामी।
साँसो में भी, गिरधर रहो, आज आभार स्वामी।।

नैया मेरी, भँवर फँसती, पार हो हे खिवैया।
आई हूँ मैं, चरनन पड़ी, द्वार तेरे कन्हैया।।
तारो कान्हा, प्रतिपल कहें, हो कृपा भी सहारे।
कृष्णा कृष्णा, निशदिन रटूँ, हो दया क्यों बिसारे।।

नैनो में हो, कमल नयना, बाट देखूँ तुम्हारी।
लागी कान्हा, लगन तुमसे, प्यास है दर्श भारी।।
ज्ञानी ध्यानी, यदुपति सुनो, थाम बैंया मुरारी।
बोले दासी, किशन भर दो, आज झोली हमारी।।

परिचय :- मीना भट्ट “सिद्धार्थ”
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा, नैनिका
सम्प्रति : सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश (मध्य प्रदेश), लोकायुक्त संभागीय सतर्कता समिति जबलपुर की भूतपूर्व चेयरपर्सन।
प्रकाशित पुस्तक : पंचतंत्र में नारी, काव्यमेध, आहुति, सवैया संग्रह, पंख पसारे पंछी
सम्मान : विक्रमशिला हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा, विद्या सागर और साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा, विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि, गुंजन कला सदन द्वारा, महिला रत्न अलंकरण तथा कई अन्य साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *