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भाई-बहनी के त्यौहार

परमानंद सिवना “परमा”
बलौद (
छत्तीसगढ)
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छत्तीसगढ़ी

भाई-बहनी के त्यौहार हे,
छाये खुशियों के बौछार हे,
बड़े-छोटे के आशिस पाइस,
इही हमर संस्कृति अउ संस्कार ये.!

छोटे से धागा जेमा
बहनी के मया भराय हे,
वहीं धागा के मान रखे भाई,
बहनी के रक्षा जीवन भर करें.!

भाई के मया बहनी बर जीवन भर रथे,
रक्षाबंधन, तीजा-पोरा,
बहनी भाई बर उपवास रथे.!

रक्षाबंधन परिवारीक त्यौहार ये,
नन्हे हो या बड़े सब्बो बर एक समान ये,
बहनी बर भाई अउ परिवार के
मया ही ओकर बर उपहार ये.!

जतका अपन बहनी ला
इज्जत सम्मान देथो,
उतका दुसर के बहनी ला भी
इज्जत करबे ते,
होही समाज राष्ट्र के उत्थान हे.!!

परिचय :- परमानंद सिवना “परमा”
निवासी : मडियाकट्टा डौन्डी लोहारा जिला- बालोद (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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