Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

ये दाग़ कौन धोएगा…?

माधवी तारे
लंदन
********************

लंदन में यहां की संसद में राहुल गांधी का वक्तव्य सुन कर मन द्रवित हो गया। आज तक कितनी बार मैं यहां आई हूं पर ऐसा अनुभव मुझे कभी नहीं हुआ। भारत के लोकतंत्र का चीरहरण और खासकर देश के प्रधानमंत्री की बुराइयां, बीबीसी जैसे ख्यात न्यूज चैनल पर सुनकर मुझे गुस्सा आया। परदेश की सर जमीं, जहां पर अपने ही देश का मूल निवासी जो उच्च पद पर आसीन है, उनके सम्मुख देश के लिये अपमानजनक शब्दों को सुन कर गुस्सा नहीं आएगा क्या? परदेश में अपने देश की बुराई सुनकर मैं शर्मसार हो गई। गुस्से में मैंने मेरे बेटे को टीवी बंद करने को कह दिया।
एक साधारण सा सांसद, जिनके पूर्वजों ने ७० साल तक इस देश की बागडोर संभाली और अनिर्बंध रूप से शासन चलाया। उनके एक शख्स का देश के प्रजातंत्र पर कुठाराघात करते हुए आलोचना करना, हमारे जैसे भारतीयों की नाक कटवाने जैसा है। वर्तमान में अपना सर उठा कर जीने का अवसर अपने को मिल रहा था, हमारी संस्कृति, हमारी परंपराओं का लोहा मानकर फिर से भारत को विश्व गुरु पद प्राप्ति के अवसर दुनिया के क्षितिज पर दिखने लगे थे। ऐसे में एक प्रतिष्ठित घराने के व्यक्ति के मुख से सरेआम बुरी बातों को सुनना पड़ा। इससे ज्यादा देश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है। इनका दूरदर्शन पर भाषण सुनने के तुरंत बाद ६०-७० साल से एक प्रतिष्ठित पत्रकार के रूप में कार्यरत व्यक्ति ने बाहर आ कर इनको घेरा और समझाया, कि आपने ये क्या बोल दिया महाशय? आपके परदादा स्वर्गीय जवाहरलाल नेहरु और आपकी दादी स्वर्गीय इंदिरा गांधी से मैं खुद प्रभावित था, परिचित भी था, ऐसे में एक बार स्वर्गीय मोरारजी देसाई के राज में जेल से छूट कर आपकी दादी यहां पत्रकार परिषद में आई थी, पत्रकारों को भारत के बारे में कुछ चटपटा सुनने के मिलेगा, इस उद्देश्य ये आयोजन रखा गया था। उन पर प्रश्नों की झड़ी लगाई थी, पर उस समय उन्होंने साफ-साफ कहा था कि अपने देश की बुराई में एक लफ्ज भी मैं आपके सामने नहीं बोलूंगी। और आज हमें यहां इनकी धरती पर क्या सुनना पड़ा?
पत्रकारों की ये बातें सुन कर राहुल गांधी के चेहरे के भाव उस समय देखने लायक थे… !!! कम से कम अपनी दादी से ही देशभक्ति का पाठ इन्होंने सीख लिया होता तो आज की ये स्थिति पैदा नहीं होती। रंगपंचमी के अवसर पर यह बात कहते हुए चिंता लग रही है कि अब ये दाग़ कौन और कैसे धोएगा…?
प्रस्तुति – एक वरिष्ठ भारतीय महिला नागरिक (वर्तमान निवास लंदन)

परिचय :- माधवी तारे
वर्तमान निवास : लंदन
मूल निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *