Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

इच्छारोधन तप

शांता पारेख
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

गाय को चरते देखा है, वह चरागाह में घांस जब खाती है ऊपर से घांस को खाते हुए आगे बढ़ती है। धीरे-धीरे मैदान की घांस कम हो जाती तब वह पूर्व स्थान पर आती तब तक फिर से घांस उग जाती। याब आप गधे को देखिए दोनो शाकाहारी जानवर है व घांस ही खाते हैं, गधा घांस को उखाड़ कर खाता व जड़ समाप्त हो जाती है। मनुष्य जाति गधे की तरह आचरण कर रही है, जो भी चीज मिलती है, उसको जरूरत है तो उसका भरपूर दोहन कर लेती है। पहले कोयले से बिजली बनाई वह भंडार जब खत्म होने को आया तो वैकल्पिक ऊर्जा के रूप में पानी, पवन चक्की सोलर ढूंढ लिया। नदी की रेत निकाल कर उसको कंगाल कर दिया। पहाड़ो से कितनी चट्टाने आएगी व रेत बनेगी। बनने व उपभोग में बड़ा अंतर है याब रो रहे छलनी हो गई नदिया। ग्रामीण अंचल में लकड़ी ,बांस, बल्ली व बड़े पत्तो से झोपडी बनती, पुरानी होती तो जलावन बनती, नई के लिए प्रकृति में भर पूर है। तेल की लड़ाई इसीलिए है। हमसे आदिवासी अच्छे जो प्रकृति को बिना नुकसान किये दोस्ती कायम रखते तो हम उन्हें गंवार मानते है जब कि वे गाय है व हम गधे हमको हँस अभाव में भूखे मरना पड़ेगा। मगर वह तथाकथित गंवार भूख से नही मरेगा उसने दोहन नही संरक्षण किया है सदियों से हमने एक सदी में ही आने वाली पीढ़ियों को दिवालिया बना दिया। हम गधाचरी जो कर रहे है। अब थोड़ा इच्छारोधन तप शुरू करे क्या। कुछ नया व सबका भला हो जाएगा।

परिचय : शांता पारेख
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *