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विनोबा जी के सतकार्य

शांता पारेख
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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विनोबा जी व गांधी दोनो साथ रहे गाँधीजी राजनीतिक संत थे तो विनोबा जी आध्यात्मिक संत थे जो राजनीति में भी सक्रिय तो थे पर मूल उनका आध्यात्मिक ही था देश प्रेमी के साथ अध्ययनशील भी थे। विनोबा जी पवनार आश्रम से अपनी गतिविधियां चलाते थे। भूदान आन्दोलन से भूमिहीनों को भूमि दिलवा कर, आत्मसम्मान से जीना सिखाया मजदूर से मालिक बनाया। बड़े जमीदारों से सिर्फ छह प्रतिशत जमीन मांगी उनकी सदाशयता देख दी भी, खुशी से ये उनकी संतई थी। जैन दर्शन का गहन अध्ययन किया था। गीता रहस्य तो लिखा, पर अंत समय जैन मुनि से संथारा लिया जो तीन दिन में सींझा। जैन कुल में जन्म लेने से बड़ी बात है, इसके सिद्धांत में गहन आस्था व निष्ठापूर्वक पालना। हमे अपने से परे जाकर यह भी देखना होगा कि कौन अजैन जैन दर्शन की पताका को प्रशस्त कर रहे है। ताकि हम युवाओं को प्रेरित कर सके। अभी दो सौ से अधिक जापानी भाई जैन आचरण कर रहे सामयिक के सूत्र बोल रहे व मंदिर की प्रतिष्ठा भी कर ली। अब आप आम्नाय मत पूछ लेना, सत्कार्य को छोटान् करे।

परिचय : शांता पारेख
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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