Saturday, December 13राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

महाकाल की नगरी प्यारी

किरण विजय पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
********************

महाकाल की नगरी प्यारी,
तीनों लोकों से है न्यारी।
यहां बसते हे कालों के काल,
वह तो है बस महाकाल।
सप्तपुरी में उज्जैनी नगरी,
शिप्रा निर्मल पावन बहती,
पापो का करती नाश।
यहाँ ज्योतिर्लिंग महाकाल।
वह तो है कालों के काल,
दुष्टो का करते नाश।
यह नगरी विक्रमादित्य की नगरी,
राजा महाराजा न्याय प्रिय की है
यहां कृष्ण सुदामा पढ़ने आए,
सखा प्रेम की देते मिसाल।
साधु सन्यासी बसे ओघड़ी,
भक्तों का लगे डेरा द्वार।
१२ वर्ष में सिहस्थ है लगता,
अमृत बरसे शिप्रा के घाट।
तपोभूमि तांत्रिक की भूमि,
त्यागी और योगी की भूमि,
ओघडी़ और महंतों की भूमि,।
कवियों और दार्शनिकों की भूमि,
नवरत्नों की देखो खान,
उज्जैन नगरी पावन धाम।

परिचय : किरण विजय पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
३. राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर द्वारा “साहित्य शिरोमणि अंतर्राष्ट्रीय समान २०२४” से सम्मानित
४. १५००+ कविताओं की रचना व भजनो की रचना
रूचि : कविता लेखन, चित्रकला, पॉटरी, मंडला आर्ट एवं संगीत
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *