जीने का सलीका
राजीव डोगरा "विमल"
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
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तुम शब्दों की बात करते हो
हम तुम्हें
निशब्द ही घायल कर देंगे।
तुम खूबसूरती की बात करते हो
हम तुम्हें
सादगी से ही कायल कर देंगे।
तुम हमें आधुनिकता के
बोझ तले दबाते आये हो
हम तुम्हें
अपनी परंपराओं के बल पर ही
उठ कर दिखा देंगे।
तुम हमें दिखावे में
पनपनमा सिखाते हो
हम तुम्हें
सादगी से ही तुम्हें जीना सिखा देंगे।
परिचय :- राजीव डोगरा "विमल"
निवासी - कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
सम्प्रति - भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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