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श्री सरगम महान

नितिन राघव
बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)

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श्री सरगम गुरु सबसे महान
नितिन कहे श्री की कथा महान
है सबसे महान गुरु गुणगान
तर जाए जगत कर गुरु अमृत पान
प्रशंसा गूंज रही चहुं दिशाओं से
बरस रहा श्री ज्ञान बड़ी दुआओं से
छात्र पहुंच रहे बड़े मन भाव से
ताकि हो शीतल उस अमृत पान से
प्रशंसा मेरे कानों तक भी पहुंच गई
कानों में मधु मन में इच्छा छोड़ गई
मैं भी श्री सरगम दर्शन पाऊं
तुच्छ जीवन को भव पार लगाऊं
सो जा ग्राम में शरण में उनकी
किए बिना कोई सोच विचार
तब मिली शांति मुझको मनकी
शांत हो गया मन का हाहाकार
हाथ रख कर श्री ने सिर पर मेरे
कोमल स्वर में ऐसे बोले
मधु झड़ रहा हों घर से उसके
ले लेकर मंद पवन के झटके
पुत्र तेरे सारे कष्ट कट जाएंगे
तेरी ही मेहनत के कारण
तेरे मार्ग प्रस्त हो जाएंगे
मैं कुछ नहीं करूंगा फिर भी
अपनी ही मेहनत के कारण
तू समस्त लक्ष्य पा जाएगा
सुन पंकज से बचना को उनसे
मन बुनने लगा नए-नए किस्से
मन हुआ कांग सा मुक्त खोलने का
श्री सरगम गुरु की प्रशंसा में बोलने का

परिचय :- नितिन राघव
जन्म तिथि : ०१/०४/२००१
जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर
पिता : श्री कैलाश राघव
माता : श्रीमती मीना देवी
शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से
कार्य : अध्यापन और साहित्य लेखन
पता : गाँव- सलगवां, तहसील- अनूपशहर जिला- बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।

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