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Tag: नितिन राघव

ग्लोबल वार्मिंग
कविता

ग्लोबल वार्मिंग

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** मानव विज्ञान से खेल गया, कार्बनडाई ऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड और मेथेन में वृद्धि कर अब तक गर्मी झेल गया।। बडा खुश हैं मानव अपने कारनामों से, आविष्कारों जैसे सुई से वायुयानो से।। झेल न सकेगा गर्मी और अब मानव, भविष्य में बनेगी जब यह दानव।। दानव लेगा अनेक रुप, मानव हो जायेगा कुरूप।। प्रथम होगा ऑक्सीजन की कमी, लगेगा उसको कि साँस अभी थमी।। द्वितीय होगा ओजोन छिद्र, पराबैंगनी करेंगी मानव को दरिद्र।। होंगे कैंसर और त्वचा रोग, मिलेगा अपने कर्मों का भोग।। तृतीय होगा फसल उत्पादन गिरावट, कैसे करेगा मानव अन्न में मिलावट।। मिलावट का फल एक दिन पाएगा, बिन अनाज भूखा ही मर जाएगा।। चतुर्थ होगा हिमखंड पिघलाव, जम जायेगे पृथ्वी पर बाढ़ के पद पॉंव।। पृथ्वी जलमग्न हो जाएगी, मानवता पछता भी ना पाएगी।। ...
विलक रही है आत्मा मेरी
कविता

विलक रही है आत्मा मेरी

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** विलक रही है आत्मा मेरी, वो खिसक रहे हैं हाथों से। दिन का चैन गया सब मेरा, और नींद गयी सब रातो से।। तडप रहे हैं वो भी कितना, है लगता उनकी आंखों से। सूख रहा प्रेम वृक्ष नित दिन, मानो पत्ते चले गए शाखो से।। अब मुड़ना भूल गयी है बाहें, मिली नहीं है सांस ही सांसों से । लाल बर्फ बना लिए हैं अश्रू, क्या डरना अर्थी के बांसो से।। शायद बढना होगा आगे अब, गुजरते हुए ही लाशों से। लड़ना होगा मिलकर हमको, राक्षसमयी सामाजिक दासों से।। परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा,...
नितिन राघव “राष्ट्रीय हिंदी रक्षक सम्मान २०२२” से सम्मानित
साहित्यिक

नितिन राघव “राष्ट्रीय हिंदी रक्षक सम्मान २०२२” से सम्मानित

इंदौर। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर के द्वारा नितिन राघव को "राष्ट्रीय हिंदी रक्षक सम्मान २०२२" से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के पोर्टल hindirakshak.com के एक करोड़ पाठक संख्या के महोत्सव के तहत मंच द्वारा १ मई २०२२ को इंदौर के प्रीतमलाल दुआ सभागृह में भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत कवि नितिन राघव को पद्य विधा में रचित उनकी उत्कृष्ट कविताओ के लिए हिंदी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान- २०२२ से अलंकृत किया गया। हाल ही में नितिन राघव रामायण का सबसे छोटा सारांश लिखने के लिए भी अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज करा चुके हैं। नितिन राघव, गांव- सलगवां, जिला- बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर के सदस्यों की और से आपको हार्दिक शुभकामनायें। https://www.youtube.com/watch?v=iUxlE5EeIxQ&t=1s आप भी अपनी...
हो युद्ध विराम! युद्ध विराम!
गीत

हो युद्ध विराम! युद्ध विराम!

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** मानवता को मिले शान्ति और हो आराम हो युद्ध विराम! युद्ध विराम! ना डर हो किसी का और ना हो अत्याचार धरा पर ना रहे दुख दर्द और लाशों का भार घर छोड़ ना पड़े किसी का शरणार्थी नाम हो युद्ध विराम! युद्ध विराम! ना रोए बहू और ना फटे मां का कलेजा हे प्रभु! तू ही आ अमन और चैन देता बने होली की भोर और दिवाली की शाम हो युद्ध विराम! युद्ध विराम! ना खून की नदी और ना हो आसूं की बाढ ना छिपे मानव मानव से बंकरों की आड़ नितिन का प्रभु के चरणों में बारम्बार प्रणाम हो युद्ध विराम! युद्ध विराम! परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय म...
स्त्री आगे बढी
गीत

स्त्री आगे बढी

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** स्त्री आगे बढी, आगे बढी। हिमालय और चंद्रमा पर चढ़ी। दुर्गा तो कभी काली बनी, यशोदा भी और राधा बनी। लक्ष्मीबाई बन दुश्मन छाती चढ़ी, स्त्री आगे बढी, आगे बढी। मॉं,बहन,बेटी बन हमें संभाले, सावित्री बन यमराज से भी बचाले। सेना में जा आज सीमा पर खड़ी, स्त्री आगे बढी, आगे बढी। ना पिछे थी ना रहेगी, ना दुख सहे ना सहेगी। स्त्री कुप्रथाओं से मिलकर लडी, स्त्री आगे बढी, आगे बढी। परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से कार्य : अध्यापन...
अनपढ़ चम्ची
लघुकथा

अनपढ़ चम्ची

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** एक गरीब परिवार था जिसमें चार बहनें और चार भाई थे। जिस कारण केवल लड़कों को ही स्कूल भेजा गया, लड़कियों को नहीं। लड़के सुबह स्कूल जाते थे और लड़कियां पशुओं को लेकर जंगल में चराने जाती थी। धीरे-धीरे सभी लड़कों ने इंटरमीडिएट की परिक्षाएं पास कर ली। सभी लड़कों की शादी करा दी गई। कुछ दिन बाद चारो लड़कियों में से सबसे बड़ी लड़की चम्ची का विवाह रसोईपुर में रहने वाले युवक चम्चे से करा दिया गया। चम्चे के पास एक बड़ा घर तथा अच्छी जमीन जायदाद थी। चम्ची के चार-पांच साल तो बहुत ख़ुशी-ख़ुशी गुज़रे परन्तु चम्चा अब शराब पीने लगा था। उसने धीरे-धीरे घर की सारी जमीन बेच दी। चम्ची ने दो जुड़वां बच्चों को जन्म दिया जिनमें एक लडका और एक लड़की थी। बच्चे भी बड़े हो रहे थे। दोनों बच्चे दस साल के हो चुके थे। वह इतनी शराब पीने लगा था कि कुछ ही दि...
काली चामुण्डा और पॉंच भूत
कहानी

काली चामुण्डा और पॉंच भूत

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** पिछले दिनों की बात है। जब चाचा का धौलाने से फोन आया कि तुम्हारी चाची पिछले कुछ दिनों से बीमार है। मैंने यहां और आस पास के सभी डॉक्टरों को दिखा लिया परन्तु कोई आराम नहीं हो रहा है। मैंने पूछा, "डॉक्टरों ने क्या तकलीफ़ बताई है?" वह बोलें डॉक्टरों के कोई बिमारी समझ ही नहीं आ रही है। वो तो केवल दवा देकर ये कह देते हैं कि शायद इस दवा से आराम हो जाए। कल गाजियाबाद एक बडे अस्पताल में दिखा कर लगाऊंगा। मैंने कहा कि डॉक्टर को सारी तकलीफ अच्छे से बता देना ताकि वो अच्छी दवा दे सके। चाचा बोले कि बता तो दूंगा परन्तु कुछ बातें तो ऐसी है, जिन्हें बताने में ऐसा लगता है कि कहीं डॉक्टर सुनकर हंसी ना बनाएं। मैंने कहा, "हंसी क्यू बनाएंगे?" चाचा बोले कि रात के समय इसे सांस लेने में परेशानी होती है। यहां तक तो ठीक है परन्तु इसी के साथ ही ये अ...
जानवर जाने जानवर की भाषा
लघुकथा

जानवर जाने जानवर की भाषा

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** एक अजीब सा चिड़ियाघर था जो किसी शहर में न होकर एक गॉंव के जंगल में स्थित था। इस चिड़ियाघर में अन्य जानवरों के साथ गीदड़ो को भी रखा गया था जो देखने में बहुत खूॅंखार थे। उनके दॉंत डरवाने लगते थे और उनके दॉंतो में लम्बे-लम्बे दॉंत जिन्हें कीलें कहा जाता है, उनके खूॅंखार होने का प्रमाण देते थे। हमारे गॉंव के लोगों के खेत भी उसी चिड़ियाघर के आस-पास ही स्थित थे। एक दिन मैं अपने परिवार के साथ अपने खेत पर गया हुआ था और हम अपने खेत पर आम के पेड़ के नीचे बैठकर बातें कर रहे थे। तभी अचानक उस चिड़ियाघर से एक गीदड़ का बच्चा निकल कर हमारे पास आ गया। मैं उसे पकड़कर वापस चिड़ियाघर की तरफ ले जाने का प्रयास कर रहा था और इसी पकड़म पकड़ाई में उसका एक दॉंत मेरी उंगली में लग गया लेकिन मैं उसके दॉंत लगने के बारे में बिल्कुल भी चिंतित नहीं हु...
सच्चा भक्त
लघुकथा

सच्चा भक्त

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कि तारिक घोषित हो चुकी थी। सभी पार्टियों के नेता अपनी अपनी पार्टियों के चुनाव प्रचार में लगें हुए थे। सभी पार्टियों के साथ गांव गांव से अलग-अलग लोग अपने नेता के समर्थन में प्रचार प्रसार में घूम रहे थे। एक व्यक्ति थे विदेश चौधरी जो भाजपा के समर्थन में भाजपा के नेता के साथ गांव गांव पार्टी का प्रचार प्रसार करा रहे थे। इससे पहले विदेश चौधरी ग्राम पंचायत के चुनावों में दो तीन बार प्रधान के साथ गांव में चुनाव प्रचार प्रसार करा चुके हैं और जिला पंचायत के चुनाव में भी दो तीन बार नेता के साथ चुनाव प्रचार प्रसार करा चुके हैं। मतदान का दिन आया। लोग सुबह से ही वोट डालने के लिए मतदान केन्द्र की ओर जा रहे थे। सभी के मन में एक ही विश्वास था कि जिस नेता को वो वोट देंगे, वह अवश्य ही जीतेगा लेकिन विदेश चौधर...
वोट किसे और क्यों दूॅं ?
आलेख

वोट किसे और क्यों दूॅं ?

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** चुनाव आने से पहले ही गॉंवों के बीएलओ को वोट बनाने की जिम्मेदारी सौंप दी जाती है। जिसमें उन्हें उन युवाओं और युवतियों की वोट बनानी होती है जिनकी आयु अठारह वर्ष हो गयी हो और उनकी वोट काटनी होती है जिनकी मृत्यु हो चुकी है और जो लड़कियॉं शादी करके ससुराल जा चुकी है। प्रायः देखा जाता है कि बीएलओ अपने पक्ष के प्रत्याशी वाले लोगों की नयी वोट भी बना देते हैं और मृत्यु को प्राप्त हुए लोगों और ससुराल जा चुकी लड़कियों की वोट भी नहीं काटते हैं क्योंकि मौका मिलने पर मृत लोगों की वोट भी किसी ना किसी पर डलवा दी जाती है और ससुराल जा चुकी लड़कियों को बुला लिया जाता है या उनकी वोट भी किसी और से ही डलवा दी जाती है। जो बीएलओ के विरोध वाला प्रत्याशी होता है उसके पक्ष की नयी वोट बनाने के लिए आवश्यक कागजात तो ले लिए जाते हैं परन्तु उनमें से ...
धूलगढ़ बना फूलगढ़
कहानी

धूलगढ़ बना फूलगढ़

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** धूल से भरा हुआ एक गॉंव था जिसमें चारों तरफ धूल ही धूल दिखाई देती थी। इस गॉंव की जमीन बंजर स्वभाव की थी।जिस कारण गॉंव में बहुत कम जमीन पर ही खेती होती थी और अधिकांश जमीन का हिस्सा खाली पड़ा रहता था। दूर- दूर तक केवल बड़े-बड़े खाली मैदान दिखाई पड़ते थे जिनमें धूल उड़ती रहती थी। गॉंव के लोग बहुत गरीब थे क्योंकि वो केवल इस बंजर भूमि में उतना ही अनाज पैदा कर पाते थे जितना उनका पेट भर सके। यहॉं के बच्चे भी गॉंव के प्राथमिक विद्यालय में पॉंचवीं कक्षा तक ही पढ पाते थे क्योंकि गरीबी के कारण कोई भी अपने बच्चों को शहर पढ़ने नहीं भेज पाता था। लंगोटिलाल और उसकी पत्नी लुंगीदेवी ने निश्चय कर लिया कि उन्हें कुछ भी करना पड़े परन्तु वो दोनों अपने बेटे गम्छासिंह को इतना पढ़ाएंगे की वो पढ लिखकर इस गॉंव की जमीन को सुधार सके। गम्छासिंह ...
हां, हूं भारत वीर मैं
गीत

हां, हूं भारत वीर मैं

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** नभ मैं, हूं धरा मैं हिम मैं, हूं सूर्य मैं आग मैं, हूं नीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं सिंधु मैं, हूं ताल मैं आदि मैं, हूं अन्त मैं खीर मैं, हूं चीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं कण मैं, हूं ब्रह्मांड मैं ज्ञान मैं, हूं विज्ञान मैं भाल मैं, हूं तीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं अस्त्र मैं, हूं शस्त्र मैं ज्ञात मैं, हूं अज्ञात मैं वैद्य मैं, हूं पीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं शीत मैं, हूं ग्रीष्म मैं बसंत मैं, हूं बरसात मैं वाचाल मैं, हूं गंभीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं तम मैं, हूं प्रकाश मैं दिन मैं, हूं रात मैं अधीर मैं, हूं धीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं प्रेम मैं, हूं क्रोध मैं राग मैं, हूं द्वेष मैं रांझा मैं, हूं हीर मैं हां, हूं भारत वीर मैं अल्प मैं, हूं विकराल मैं कठोर मैं, हूं नर...
संकट में आते मानव परिवार
निबंध

संकट में आते मानव परिवार

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** जनसंख्या नियंत्रण करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इसे नियंत्रित करने के लिए हमारी सरकार और अनेक सरकारी व गैर सरकारी संस्थाएं लगातार प्रयास कर रही है। इनके प्रयासों का परिणाम समाज में देखा भी जा सकता है। लेकिन जनसंख्या नियंत्रण को ज्यादा प्राथमिकता शिक्षित वर्ग ने दी है। इससे भी अधिक प्राथमिकता भारत की उच्च जातियों ने दी है। शिक्षित वर्ग और उच्च जातियों ने अपने परिवार को एक दम से सीमित कर दिया है। प्रायः देखा जाए तो उच्च जातियों में आजकल दो सन्तान पैदा करने का प्रचलन चल रहा है जिससे एक लडका और एक लड़की। अधिकतर परिवार तो प्रथम लडका होने पर दूसरी संतान के बारे में सोचते ही नहीं है। जनसंख्या नियंत्रण के हिसाब से ये सब उत्तम है परन्तु कभी सोचा है इसका इन परिवारों पर असर क्या होगा? इसके दो असर होंगे। प्रथम अनुकूल असर जन...
पप्पू पढ़ लें रे
कहानी

पप्पू पढ़ लें रे

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** नब्बे के दशक में एक गॉंंव में विवाहित जोडा रहता था। दोनों पति-पत्नी बड़े परेशान थे क्योंकि उनके सात लड़कियॉं थी परन्तु कोई भी लडका नहीं था।वे हर समय पुत्र कामना में लीन रहते थे। उन्हें हमेशा यही डर लगा रहता था कि यदि उनके कोई पुत्र नहीं हुआ तो उनका वंश समाप्त हो जाएगा। कुछ समय पश्चात उनके यहॉं एक पुत्र का जन्म हुआ। जिसका नाम उन्होंने सज्जन सिंह रखा। वह धीरे-धीरे पॉंच साल का हो गया। परन्तु वह बहुत ही उद्डं था। पॉंच साल की उम्र से ही उसने औगार लाना शुरू कर दिया। उसके माता-पिता पूरे दिन उसकी औगारे सुनते। किसी ने कहा, इसे पढ़ने बैठा दो, पढाई और अध्यापकों के प्रभाव से सुधर जाएगा। उसका प्रवेश पहली कक्षा में करा दिया गया। जब सज्जन सिंह पहले दिन स्कूल गया तो पहले ही दिन उसने सारी कक्षा के बच्चों की किताबें फाड़ डाली। जब अध्याप...
नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण का सबसे छोटा सारांश लिखकर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड
धर्म, धर्म-आस्था, भजन, साहित्यिक, स्तुति

नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण का सबसे छोटा सारांश लिखकर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** बुलन्दशहर। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के रचनाकार २१ वर्षीय नितिन राघव बी.एड प्रथम वर्ष के छात्र हैं तथा अपनी लेखनी के द्वारा साहित्य की सेवा कर रहे हैं। आपने अब तक अनेक कविताएं, कहानियां और निबंध लिखें हैं। अपने इन्हीं कार्यों के लिए समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी हो चुके हैं। और अबकी बार उन्होंने एक और महान उपलब्धि हासिल की है, जिसके पता चलते ही उनके परिवार और गांव वाले खुशी से झूम उठे। २१ वर्षीय नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया और इसी के साथ उन लोगों की भी राह आसान कर दी जो रामायण को लम्बा ग्रन्थ होने के कारण पढ नहीं पाते थे क्योंकि इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय कम है परन्तु अब रामायण को एक ही कविता में पढा जा सकता है। इ...
किताब रानी… किताब रानी
बाल कविताएं

किताब रानी… किताब रानी

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी मछली पीती बस है पानी बन जाती पानी की रानी किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी लोमड़ी बड़ी चालक स्यानी करती बस अपनी मनमानी किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी पेड़ों की सब पर महरबानी देते रहते हवा और पानी किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी बड़ी अच्छी है मेरी नानी मुझे सुनाए गजब कहानी किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी खाती चिड़िया दाना पानी गीत सुनाए अपनी जुबानी किताब रानी किताब रानी मुझे सुनाओ एक कहानी परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्...
श्री सरगम महान
कविता

श्री सरगम महान

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** श्री सरगम गुरु सबसे महान नितिन कहे श्री की कथा महान है सबसे महान गुरु गुणगान तर जाए जगत कर गुरु अमृत पान प्रशंसा गूंज रही चहुं दिशाओं से बरस रहा श्री ज्ञान बड़ी दुआओं से छात्र पहुंच रहे बड़े मन भाव से ताकि हो शीतल उस अमृत पान से प्रशंसा मेरे कानों तक भी पहुंच गई कानों में मधु मन में इच्छा छोड़ गई मैं भी श्री सरगम दर्शन पाऊं तुच्छ जीवन को भव पार लगाऊं सो जा ग्राम में शरण में उनकी किए बिना कोई सोच विचार तब मिली शांति मुझको मनकी शांत हो गया मन का हाहाकार हाथ रख कर श्री ने सिर पर मेरे कोमल स्वर में ऐसे बोले मधु झड़ रहा हों घर से उसके ले लेकर मंद पवन के झटके पुत्र तेरे सारे कष्ट कट जाएंगे तेरी ही मेहनत के कारण तेरे मार्ग प्रस्त हो जाएंगे मैं कुछ नहीं करूंगा फिर भी अपनी ही मेहनत के कारण तू समस्त लक्ष...
भारत प्यारा देश हमारा
गीत

भारत प्यारा देश हमारा

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** जहां भगत सिंह उद्धव और आजाद हुए है जहां महाभारत जैसे धर्म युद्ध हुए हैं बहती जहां गंगा यमुना की पावन धारा है सबसे अच्छा भारत प्यारा देश हमारा जो विश्व शांति का है प्रतीक अनेक धर्मों को जिसने है अपनाया दीन दुखियों को दिया है जिसने सहारा है सबसे अच्छा भारत प्यारा देश हमारा जो सत्य की हमेशा जय बोले है जिसने सदैव धर्म को अपनाया जो लगता हमें प्राणो से भी प्यारा है सबसे अच्छा भारत प्यारा देश हमारा सनातन और इसकी संस्कृति का रखवाला जो नाम कमाता है विश्व में फेंककर भाला है जहां हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई का भाईचारा है सबसे अच्छा भारत प्यारा देश हमारा परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), ...
मेरी रामायण (भाग-१)
कविता

मेरी रामायण (भाग-१)

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** प्रथम वंदन आपको हे मां शारदे उत्तम रामायण मैं वर्णन करूं अपनी कला को मुझपे वार दें फिर वंदन देव तेंतीस करोड़ करूं मेरी कलम आप भव से तार दे ब्रह्मा विष्णु महेश हृदय में आए मेरी रामायण में राम को उतार दे अब वंदन गुरु करू और मात पिता हे राम भक्त हनुमत आप स्वयं आओ दो मुझे रामायण रचने की विद्या हे गुरुदेव मन चिंतित और हिय व्यथित तन-मन-धन सब मेरा व्यर्थ रानियों सहित हे राजन ऐसे क्यों दुखी सुखे वृक्ष समान अयोध्या के राजा हों क्यों ना सुखी हो राज पाठ वैभव मेरा सब है बेकारी क्यों नहीं करता कोई नन्हा मम पीठ सवारी कब गुंजेगी गुमगाम महल में कोई किलकारी क्या मेरी चिता को अग्नि देने वाला नहीं आएगा रघुकुल का सूर्य मेरे साथ ही अस्त हो जाएगा व्यथा मेरी मुझे जर-जर कर रही गोद सुनी ना रह जाए रानियां भी डर रही क्या मुझे ...
काश ऐसा होता
कविता

काश ऐसा होता

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** काश ऐसा होता ये विरह ना होता वो मेरे पास होती मैं उसके पास होता काश ऐसा होता सुबह वो आती भीगे पालो को झटक मुझे रोज जगाती काश ऐसा होता वो खाना बनाती खीर मैं नमक होने पर भी मैं उसे मीठी बताता काश ऐसा होता मैं दफ्तर ना जाता वो मुझे बैग देती प्यार से जाने को कहती काश ऐसा होता जब मैं रूठ जाता वो मुझे मनाती जब वो रूठ जाती मैं उसे मनाता काश ऐसा होता मैं कही उसे घुमाता आइसक्रीम खिलाता जब होठ उसके सनते तो जीभ से हटाता काश ऐसा होता उसको खुशियाँ देता दुख उसके लेकर अकेला उन्हें सहता काश ऐसा होता वो मायके जब जाती मैं अन्दर अन्दर रोता मैं खाना ना खाता मुझे नींद ना आती काश ऐसा होता जब विस्तर पर वो सोती मैं तकिया उसका होता वो आराम से सोती मैं बडा़ खुश होता काश ऐसा होता वो राधा न...
बेटी का सम्मान करो
कविता

बेटी का सम्मान करो

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** बेटी को ना कोस, उसका सम्मान कीजिये बेटी होने के डर से, भ्रूण हत्या मत कीजिये बेटी को बोझ समझ, अपमान मत कीजिये ना ही दहेज दीजिये, ना ही दहेज तुम लीजिये बेटी को भी तुम अब, बेटे सा ही प्यार दीजिये बेटी बेटे में अब ऐसे, भेदभाव ना ही कीजिये बेटी को भी, अफसर बनने का अवसर दीजिये बेटी को पढाने में ना, तुम कंजूसी अब कीजिये परिवार को बनकर जरा, माली अब तुम सिचिये गुलाब को भी, और चमेली को भी पानी दीजिये अपने घर के कुल को, बेटी से भी रोशन कीजिये समाज में आगे बढने कि, तुम स्वयं हिम्मत दीजिये नितिन एक साथ मिलकर, अब सब प्रतिज्ञा लीजिये बेटी का ना अपमान करीये, ना ही होने अब दीजिये परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : ...
तू ही बता जरा
कविता

तू ही बता जरा

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** तेरी यादों के समुद्र में डूबू , या इन आंसुओं में बह जाऊँ | तू ही बता जरा तेरी वेवफाई, मैं हंस के कैसे सह जाऊँ || तेरे सपनों में खो जाऊँ, या इस दुनियाँ से खो जाऊँ | तू ही बता जरा तेरी वेवफाई, में जी जाऊँ या फिर मर जाऊँ || तेरे धोखे को याद करूँ, या तेरे प्यार में खो जाऊँ | तू ही बता जरा तेरी वेवफाई, के बाद रातो में कैसे सो जाऊँ || तुझे ही दिल में रखूँ, या अब निकाल जाऊँतू ही बता जरा तेरी वेवफाई के बाद, तेरा ही रहूँ या किसी ओर का हो जाऊँ || परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग ...
बारिश के मौसम में
कविता

बारिश के मौसम में

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** बारिश के मौसम में, जब तेरी याद आवअ आंख भर जा मअ, दिल में बैचेनी छावअ बारिश के मौसम में, जब तेरी याद आवअ हमअ ना प्यास लगअ, ना रोटी ही भावअ बारिश के मौसम में, जब तेरी याद आवअ ना दिन में कतई चैन, ना रात में नींद आवअ बारिश के मौसम में, जब तेरी याद आवअ ना तू पास आवअ, ना हवा तेरा पता वताअ बारिश के मौसम में, जब तेरी याद आवअ मीठा दर्द दअवअ, पूराने घाव कूरेद जावअ परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से कार्य : अध्यापन और साहित्य ले...
दोहे
दोहा

दोहे

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** सच राम आज भी राम, ना हुए प्राचीन। बोलने से राम राम, रंक भी नामचीन।। घायल कि सब चोटों पर, तुरन्त कर दो लेप। नहीं सोचो अच्छा है, या बुरा हस्तक्षेप।। उठता बादल देखकर, मोर करते नाचे। पक्षी बनाते घोसलें, लकडियाँ है जांचे।। परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से कार्य : अध्यापन और साहित्य लेखन पता : गाँव- सलगवां, तहसील- अनूपशहर जिला- बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, ...
जनक वंदना
कुण्डलियाँ, छंद

जनक वंदना

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** जनक वंदना करीये, जनक महेश समान। हमेशा सलाह लिजिये, करनी हो आसान। करनी हो आसान, कभी नाहीं दुख होवे। जो रोजे संतान, जनक चरणा में सोवे। जग में नितिन पाये, आशीषा देता चमक। देव वंदन गाये, होते जी ऐसे जनक।। परिचय :- नितिन राघव जन्म तिथि : ०१/०४/२००१ जन्म स्थान : गाँव-सलगवां, जिला- बुलन्दशहर पिता : श्री कैलाश राघव माता : श्रीमती मीना देवी शिक्षा : बी एस सी (बायो), आई०पी०पीजी० कॉलेज बुलन्दशहर, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से, कम्प्यूटर ओपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट डिप्लोमा, सागर ट्रेनिंग इन्स्टिट्यूट बुलन्दशहर से कार्य : अध्यापन और साहित्य लेखन पता : गाँव- सलगवां, तहसील- अनूपशहर जिला- बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)। घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।...