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धर्म-आस्था

नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण का सबसे छोटा सारांश लिखकर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड
धर्म, धर्म-आस्था, भजन, साहित्यिक, स्तुति

नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण का सबसे छोटा सारांश लिखकर बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड

नितिन राघव बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) ******************** बुलन्दशहर। राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच के रचनाकार २१ वर्षीय नितिन राघव बी.एड प्रथम वर्ष के छात्र हैं तथा अपनी लेखनी के द्वारा साहित्य की सेवा कर रहे हैं। आपने अब तक अनेक कविताएं, कहानियां और निबंध लिखें हैं। अपने इन्हीं कार्यों के लिए समय-समय पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी हो चुके हैं। और अबकी बार उन्होंने एक और महान उपलब्धि हासिल की है, जिसके पता चलते ही उनके परिवार और गांव वाले खुशी से झूम उठे। २१ वर्षीय नितिन राघव ने अपनी एक कविता में सम्पूर्ण रामायण लिखकर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया और इसी के साथ उन लोगों की भी राह आसान कर दी जो रामायण को लम्बा ग्रन्थ होने के कारण पढ नहीं पाते थे क्योंकि इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास समय कम है परन्तु अब रामायण को एक ही कविता में पढा जा सकता है। इ...
गहन निराशा और अंधकार से तारती – मां तारा
आलेख, धर्म, धर्म-आस्था, धार्मिक

गहन निराशा और अंधकार से तारती – मां तारा

प्रीति शर्मा "असीम" सोलन हिमाचल प्रदेश ******************** तारा जयंती विशेष जयंती चैत्र माह की नवमी तिथि तथा शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। इस वर्ष महातारा जयंती २१ अप्रैल २०२१, के दिन मनाई जाएगी। चैत्र माह की नवमी तिथि तथा शुक्ल पक्ष के दिन माँ तारा की उपासना तंत्र साधकों और उनके भक्तों के लिए सर्वसिद्धिकारक मानी जाती है। दस महाविद्याओं में से एक हैं-भगवती तारा। महाकाली के बाद मां तारा का स्थान आता है। जब इस दुनिया में कुछ भी नहीं था तब अंधकार रूपी ब्रह्मांड में सिर्फ देवी काली थीं। इस अंधकार से एक प्रकाश की किरण उत्पन्न हुई जो माता तारा कहलाईं। मां तारा को नील तारा भी कहा जाता है। जब चारों ओर निराशा ही व्याप्त हो तथा विपत्ति में कोई राह न दिखे तब मां भगवती तारा के रूप में उपस्थित होती हैं तथा भक्त को विपत्ति से मुक्त करती हैं। देवी तारा को सूर्य प्रलय की अघिष्ठात्री देवी का उग्र रु...
महिला पंडितो ने कराया विवाह … इंदौर में पहली बार अनूठा प्रयास
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महिला पंडितो ने कराया विवाह … इंदौर में पहली बार अनूठा प्रयास

विदेशी मेहमान भी हुए शामिल ... विवाह विधि में पढ़े गए मंत्रों का अर्थ हिंदी व अंग्रेजी भाषा में भी समझाया ... इंदौर : आज पुरुष प्रधान समाज में स्त्री सशक्तिकरण के कार्य पूर्णत: प्रगति पर है वहीं दूसरी ओर रूढ़िवादी परंपराओं का इस्तेमाल जारी हैं। सकारात्मक तौर पर इस बात का ज्वलंत उदाहरण इंदौर में एक अनोखी एवं प्रेरणादाई विवाह समारोह में देखने को मिला यह अवसर था वर अंकुर लोकरे व वधु सुरभि बकोरे के विवाह समारोह का.... जहां विवाह संपन्न कराने वाली पुरोहिताएं डॉ. मनीषा शेटे व चित्रा चंद्रचूड़ स्वयं महिलाएं थीं। एवं वर व वधु पक्ष की और से पधारे मेहमान इस विवाह समारोह के साक्षी थे।आज जहां कुछ रूढ़िवादी परंपराए स्त्री विकास के मध्यस्थी एक रुकावट बनी हुई है वहीं वर पक्ष एवं वधू पक्ष की प्रगतिशील विचारधारा के चलते वर की माता को यह सौभाग्य उसके पुत्र ने दिया। जहां उसके पिता न होने की वजह से उसकी माता...
वाणी सुनो
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वाणी सुनो

संजय जैन मुंबई ******************** विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। ज्ञानसागर दिव्य ध्वनि सुनो। जैन धर्म का पालन करो। विद्यासागर की वाणी सुनो।। आज हम सबका यह पुण्य है। मिला है हमें मनुष्य जन्म ..। किये पूर्व में अच्छे कर्म। इसलिए मिला मनुष्य जन्म। गुरुवर के मुखर बिंदु से। जिनवाणी का ज्ञान प्राप्त करो।। विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। वीर प्रभु जी की एक छवि। सदा दिखती है उनमें हमे.... । वीर प्रभु के कथनो को। साकार करने आये धरती पर । कलयुग में मिले है हमें । सतयुग जैसे गुरुवर।। विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। सदा आगम का अनुसरण करे। उसके अनुसार ही वो चले ... । बाल ब्रह्मचारियों को ही। वो देते है दीक्षाएं। पहले भट्टी में उन्हें तपते। सोना बनाकर ही छोड़ते है।। विद्यासागर की वाणी सुनो। ज्ञान अमृत का रसपान करो। संजय की प्रार्थना सुनो अग...
सौभाग्यवती स्त्रियोँ का पर्व करवा चौथ
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सौभाग्यवती स्त्रियोँ का पर्व करवा चौथ

राजेश कुमार शर्मा "पुरोहित" भवानीमंडी (राज.) ******************** हिंदुओं का पवित्र त्योहार करवा चौथ सम्पूर्ण देश मे कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। ग्रामीण स्त्रियों से लेकर आधुनिक महिलाओं तक  सभी महिलाएं करवा चौथ का व्रत अवश्य करती है। उनमें बड़ी श्र्द्धा व विश्वास उत्साह के साथ सौभाग्यवती स्त्रियां इस पर्व को मनाती हैं। इस पर्व को होई अष्टमी  या तीज की तरह ही उल्लास से मनाया जाता है। पति की दीर्घायु व  अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस दिन भालचन्द्र गणेश जी की अर्चना की जाती है। दिन भर उपवास रखकर रात में चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद  ही भोजन का विधान है। अपने परिवार में प्रचलित परम्परा के अनुसार ही करवा चौथ महिलाएं मनाती है।लेकिन निराहार बिना जल ग्रहण किये दिन भर महिलाएं उपवास रखती है। चन्द्रोदय होने पर पूजा करती है। अर्ध्य देती है। फिर आंक में अपने पति का ...