अब भोर हर नवेली
भीमराव झरबड़े 'जीवन'
बैतूल मध्य प्रदेश
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अब भोर हर नवेली, हमको उड़ान देगी।
हर सांझ स्वप्न को अब, अपने वितान देगी।।१
हर चाह पूर्ण होगी, आजाद है वतन अब।
बस कर्म शक्ति हमको, कर में कमान देगी।।२
अधिकार है सभी को, शिक्षा स्वतंत्र समता।
यह है सदी हमारी, खुशियाँ समान देगी।।३
धारण करो सदाशय, सौहार्द नित बढ़ाओ।
ये गुण फकीर को भी, ऊँची मचान देगी।।४
तलवार झूठ की पर, गर्दन सटी भले हो।
इंसानियत हमेशा, सच ही बयान देगी।।५
माँ के सरिस लगेगी, तब यह धरा हमें भी।
जब राष्ट्र प्रेम की उर, गरिमा उफान देगी।।६
अब सोच को निखारो, मत द्वेष रंज पालो।
हर निम्न सोच 'जीवन', उर पर निशान देगी।।७
परिचय :- भीमराव झरबड़े 'जीवन'
निवासी- बैतूल मध्य प्रदेश
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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