कल का शख्स
श्याम सिंह बेवजह
नयावास (दौसा) राजस्थान
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देख कर मैं आर्श्चयचकित रह गया
जब कल का शख्स अपना कह गया
ता उम्र सिंचा जिस व्रक्ष को अपने लिए
बांध कर रखा जिस ड़ोर से वह घह गया
हालात बदत्तर होते देख अश्क़ झलक गए
लफ़्ज न निकला एक आज चुपचाप सह गया
घूटन होने लगी आज उसी आशियाँ में
जो पुरखों का सपना था मगर ढ़ह गया
देख़ ऐ ताक़त उस जोरू की सिर गर्माया है
लग़ने लगा है ग़लत उगाया व्रक्ष जो बह गया
हर सपना अधूरा सा नज़र आने लगा है
सब तेरी वज़ह से ये अपनी मां से कह गया
ज़माना बदलने की हद्द शिकायतें दर्ज बहुत
उठीं कलम "श्याम सिंह" लिखा जो चह गया
परिचय :- श्याम सिंह बेवजह
निवासी : नयावास (दौसा) राजस्थान
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