पथ सभी अवरुद्ध हैं
मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
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पथ सभी अवरुद्ध हैं अब,
नेत्र भी देते छलावे।
कुंडली भी मौन बैठी,
झूठ निकले आज दावे।।
रक्त भी पानी हुआ है,
अस्थि पंजर आज तन भी।
पाश यम का बाँधता है,
रूह काँपे और मन भी।।
प्राण-पंछी उड़ गए हैं,
कर चुके देखो दिखावे।
मौसमी बदलाव लाया,
साथ जहरीली हवाएँ।
घोंसले सब लुट गए अब,
आसुरी ये आपदाएँ।।
सिर शनीचर है चढ़ा भी,
कौन अब आकर बचावे।
मौत से परिणय हुआ है,
नृत्य तांडव हो रहा है।
ढेर लाशों के लगे हैं,
श्वान बैठा रो रहा है।।
सिर झुका झींगुर चले अब,
दादुरों के हैं बुलावे।।
परिचय :- मीना भट्ट "सिद्धार्थ"
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
पति : पुरुषोत्तम भट्ट
माता : स्व. सुमित्रा पाठक
पिता : स्व. हरि मोहन पाठक
पुत्र : सौरभ भट्ट
पुत्र वधू : डॉ. प्रीति भट्ट
पौत्री : निहिरा, नैनिका
सम्प्रति...























