रक्षा बंधन
मनोरमा जोशी
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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राखी प्रीत के धागों,
का त्योहार।
अपनत्व भाव का प्यार,
स्नेह से सना उमड़ रहा
भाई बहन का प्यार।
मस्तक पर तिलक,
लगा कर बहना करती,
प्यार की मनुहार कभी,
न आये रिशतों में दरार।
भाई फिर देता उपहार,
न सोना न चाँदी माँगू,
न महल अटरियां सदा
खुशहाल रहें मेरा भैया।
बस दिल में एक कोना
मांगू यह मेरा गहना।
समय समय पर आकर,
द्धारे रखना मेरी शान,
तुम मेरा अभियान।
तुमसे रौशन गहरा है
परिवार,
सदा सुखी फूलें फलें,
भैया भावज का परिवार।
उमंग और उत्साह जगायें
रक्षाबंधन का पावन त्योहार।
परिचय :- श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा - स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र - सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में ...
























