गर खुद पर है विश्वास तो
हरप्रीत कौर
शाहदरा (दिल्ली)
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गर खुद पर है विश्वास
तो अड़े रहो।
विश्वास वो ताकत है जो,
उजड़ी हुई दुनिया में,
प्रकाश जगा देती है इसलिए
तुम चट्टान बनकर डटे रहो।
उदार बनो पर इस्तेमाल मत होने दो,
बस खुद पर रखो विश्वास,
तो अड़े रहो।
गर खुद पर हो विश्वास
तो ताकत बनती है,
गर दूसरों पर हो विश्वास
तो कमजोरी बनती है।
इसलिए खुद पर रखो विश्वास,
अड़े रहो।
खुद पर हो विश्वास तो चढ़ता जा,
सफलता की सीढ़ियां,
न हिम्मत हार, बनाएं रख तू हौंसला,
विश्वास का दीप जलाकर रख,
और बढ़ता जा तू प्रगति पथ पर,
अडिग है जीवन की धार तुम,
अड़े रहो, अड़े रहो, अड़े रहो।
परिचय :- हरप्रीत कौर
निवासी : शाहदरा (दिल्ली)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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