परमात्मा
धैर्यशील येवले
इंदौर (म.प्र.)
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खुद को जाना नही
दुसरो को जानेगा
भरम में जी रहा है
सच कब मानेगा।
घर से कभी निकला नही
लौटने की बात करता है,
दरवाजे पर दे रहा दस्तक
वहम में जिया करता है।
उत्तर तुझे पता है
क्यो प्रश्न करता है,
ढोंगियों के जाल में
फसने को करता है।
जो माया रचता है
वो भीतर ही बैठा है,
तू सोया ही कब था
जो उठ कर बैठा है।
याद रखो या भूलो
कोई फर्क नही होगा
अवचेतन की चेतना
में तमस नही होगा ।
सर्वत्र तुझे देख रहा हूँ
मुझसे कुछ छुपा नही
रोम रोम में बसने वाले
मेरी नजरो से तू छुपा नही।
परिचय :- धैर्यशील येवले
जन्म : ३१ अगस्त १९६३
शिक्षा : एम कॉम सेवासदन महाविद्याल बुरहानपुर म. प्र. से
सम्प्रति : १९८७ बैच के सीधी भर्ती के पुलिस उप निरीक्षक वर्तमान में पुलिस निरीक्षक के पद पर पीटीसी इंदौर में पदस्थ।
सम्मान : राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर hindirakshak.com द्वारा हिं...