उतरन
श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
लखनऊ (उ.प्र.)
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स्वयं में गूढ़ अर्थ
समेटे हुई है उतरन
इसकी उतरन
उसकी उतरन,
कभी पोशाकों की उतरन
कभी विचारों की उतरन।
कभी एक अक्स सी
उतरती हुई उतरन
कभी किसी और के
साए में उतरती हुई उतरन
सांसों की उतरन,
धड़कन की उतरन
बोझ से उतरी उतरन।
कभी जो समझ सको
उतरन की परिभाषा को
मरीचिका भी है,
वीथिका भी है,
गुणों का भंडार है उतरन।
गीता की उतरन,
रामायण की उतरन,
बाइबिल की उतरन,
कुरान की उतरन
राम से लेकर रहीम
मोहम्मद की उतरन
पासको यदि कहीं ये उतरन,
तो समेट लेना
संजो लेना क्योंकि,
जिंदगी का सही सार है उतरन।।
परिचय :- श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
पति : श्री राकेश कुमार चतुर्वेदी
जन्म : २७ जुलाई १९६५ वाराणसी
शिक्षा : एम. ए.,एम.फिल – समाजशास्त्र,पी.जी.डिप्लोमा (मानवाधिकार)
निवासी : लखनऊ (उ.प्र.)
विशेष : साहित्यि...