काल की बहती हवा मे
रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)
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काल की बहती हवा मे,
एक सच्चा बेटा जा रहा है,
भारत माता की वो सन्तान,
जिसके लिए दुनिया रो रही है!
काल की बहती हवा मे,
अमर गीत गा रहा है,
जिस मातृभूमि ने,
पैदा कि वो रो रही है!
काल की बहती हवा म ,
तारे तिलमिला रहे है,
जिसकी रोशनी से अटल,
अजर अमर हो गये है,
काल की बहती हवा मे,
पेङ पौधे सूख रहे है,
जिसकी छाँव मे अटल,
कविता की रचना कर रहे थे,
.
परिचय :-
नाम - रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास - चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव - राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक - मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
आप भी अपनी कविता...





















