दादा
गोरधन भटनागर
खारडा जिला-पाली (राजस्थान)
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जो हर बात पर टोके,
कामयाबी पर झूमे।
जो पास बैठा-कर पढाए
अनेकानेक कहानियां सुनायें।।
ये सब सिखलाते जो बोले....।
बेटा बाहर मत जा, तु बैठ जा।
खाना खाया या नहीं?
हर बात को जो पूछे।
जो आँखो की नमी को पढ ले।।
जो जीवन की सीख दे,
अपने अनुभव खूब बताते।
हर छोटी सी बात बताते।
जो हमको गीत सुनायें।।
आ बैठ मेंरे पास,अपना हाल
जो हर जो हर पल पुछे।
अपना हर दर्द जो जाने
धीरे-धीरे हर बात को बतलाएँ।
नफा नुकसान सब सिखलाते।
स्कुल गया या नहीं, आ बैठ।
वो अनपढ़ ही सही हर बात,
समझते हैं।।
सच कहूँ मैं, ये ईश्वर का रूप होते हैं।
देखा नहीं मैंने ईश्वर कैसा होता हैं,
मगर वो झलक दादा में देखी हैं।
सही गलत का अहसास कराये।
पिता के पीटने पर छुड़ाए।
दादा खुदा की खूब बनावट हैं।
सच कहूँ ये ईश्वर का छोटा सा रूप, हैं धरती पर।।
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परिचय :-
नाम : गो...





















