जिंदादिल इंसान
राजीव डोगरा "विमल"
कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
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खुशनसीब है वो लोग
जो खुशियां बांटते हैं।
मोहब्बत का राग और
मोहब्बत के गीत
सब को सुनाते हैं।
कोई फर्क नहीं पड़ता उनको
कि लोग
उनको हँसाते हैं
या फिर रुलाते हैं।
वो बस चेहरे पर
हल्की-हल्की मुस्कान लिए
जिंदगी बिताते हैं।
वो नहीं देखते
कि राह में फूल पड़े हैं
या फिर चुभते कांटे,
वो बस
मस्ती के आलम में खोए,
कांटों को भी
फूल समझ निकल जाते हैं।
परिचय :- राजीव डोगरा "विमल"
निवासी - कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश)
सम्प्रति - भाषा अध्यापक गवर्नमेंट हाई स्कूल, ठाकुरद्वारा
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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