पहले मतदान … फिर जलपान
प्रो. डॉ. शरद नारायण खरे
मंडला, (मध्य प्रदेश)
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सरसी छन्द
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देखो तो चुनाव है आया, करें सभी मतदान।
पहले अपना कर्म निभाएँ, फिर ही हो जलपान।।
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अब चुनाव तो पावन आया, जाएँ सब ही जाग।
रखना सबको वोटिँग के प्रति, सतत गहन अनुराग।।
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निर्वाचन का शंख बजा है, बेशक़ीमती वोट।
अपना कर्म नहीं कर पाए, तो ख़ुद पर ही चोट।।
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चलो उठो सबको है जाना, बुला रहा मतदान।
अपना वोट सही को देंगे, करें पूर्ण अरमान।।
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सबको ही तो फर्ज़ निभाना, लेकर के उल्लास।
तभी सभी की निश्चित होगी, मन की पूरी आस।।
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मम्मी-पापा को करना है, अब की फिर मतदान।
दर्ज़ हो गए जो सूची में, उनका हो जयगान।।
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युवा,प्रौढ़ सारे नर-नारी, करें सुपावन कर्म।
लोकतंत्र ताक़त पायेगा, वोट बना है धर्म।।
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आलस्य को सारे ही त्यागें, बूथ नहीं है दूर।
शत-प्रतिशत ...