छिड़ गई बहस
***********
रचयिता : शिवम यादव ''आशा''
छिड़ गई बहस अब बंद नहीं होने वाली।
सेना भारत की नहीं धैर्य खोने वाली।
.
अब पहले जैसी कोई भूल नहीं होगी।
कोई भी रेखा अब प्रतिकूल नहीं होगी।
.
यह धरा कभी भी रिक्त हुयी न वीरों से।
हमने हरदम युद्ध लड़े तदबीरों से।
.
कश्मीर हमारा है हम छोड़ नहीं सकते।
जो व्यूह रचे हैं क्या हम तोड़ नहीं सकते।
.
लेखक परिचय :- नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन "
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख,...