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छंद

छिड़ गई बहस
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छिड़ गई बहस

*********** रचयिता : शिवम यादव ''आशा'' छिड़ गई बहस अब बंद नहीं होने वाली। सेना भारत की नहीं धैर्य खोने वाली। . अब पहले जैसी कोई भूल नहीं होगी। कोई भी रेखा अब प्रतिकूल नहीं होगी। . यह धरा कभी भी रिक्त हुयी न वीरों से। हमने हरदम युद्ध लड़े तदबीरों से। . कश्मीर हमारा है हम छोड़ नहीं सकते। जो व्यूह रचे हैं क्या हम तोड़ नहीं सकते। . लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ''आशा'' है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !! काव्य संग्रह :- ''राहों हवाओं में मन " आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख,...
चाणक्य छला जाता है
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चाणक्य छला जाता है

*********** रचयिता : अंजुमन मंसूरी' आरज़ू' आधार छंद - सार/ललित छंद जलता है खुद दीपक सा पर, ज्ञान प्रकाश दिखाता । बांट के अपना सब सुख जन में, आनंदित हो जाता । इसके बदले शिक्षक जग से, देखो क्या पाता है । हर युग में चाणक्य सा कोई, हाय छला जाता है ॥ इंद्रासन ना ले ले तप से, मधवा भय से बोला । अहिल्या गौतम के अमृत से, जीवन में विष घोला । विश्वामित्र की भंग तपस्या, छल से करवाई थी । सत्ता रक्षा को पृथ्वी पर, इंद्र परी आई थी । काम क्रोध मद लोभों का फिर, दोष मढ़ा जाता है । हर युग में चाणक्य सा कोई, हाय छला जाता है ॥ नेतृत्व से परिपूर्ण बनाके, गढ़ता कितने नेता । मंत्री हो या भूप सभी को, रुप यही हे देता । पर सत्ता धारी बनते ही, लोग मदांध हुए हैं । काट दिए सिर उनके जिनके, झुक कर पांव छुए हैं । शस्त्र निपुण कर देने वाला, वाण यहां खाता है । हर युग में चाणक्य सा कोई, हाय छला जाता है ॥ नंद वंश ने एका ...
16 वर्ण तथा 16 मात्राओं का छंद
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16 वर्ण तथा 16 मात्राओं का छंद

========================== रचयिता : डॉ. इक़बाल मोदी अकबर झटपट चल पनघट पर, तपन बढ़त अब जल भर कर धर। चल हट बस अब मत खटपट कर, मत मर करवट बदल बदल कर। चलत पवन गरम ,अब सरर सर, कल कल जल ,हलक कर तरबतर। अब शबनम शरबत रख भरकर। मत छलकत छल छल डगमग कर। छल व कपट मत कर मरघट पर, रब जप करत तन बदन मल कर।। कदम दर कदम घर घर तप कर, भटक भटक कर जनम सफल कर।। परिचय :- नाम - डॉ. इक़बाल मोदी निवासी :- देवास (इंदौर) शिक्षा :- स्नातक, (आर.एम्.पी.) वि.वि. उज्जैन विधा :- ललित लेखन, ग़ज़ल, नज्म, मुक्तक विदेश यात्रा :- मिश्र, ईराक, सीरिया, जार्डन, कुवैत, इजराइल आदि देशों का भ्रमण दायित्व :- संरक्षक - पत्र लेखन संघ सदस्य :- फिल्म राइटर एसोसिएशन मुंबई, टेलीविजन स्क्रीन राइटर एसोसिएशन मुंबई प्रतिनिधित्व :- विश्व हिंदी सम्मेलन भोपाल आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा ...
मालिनी छन्द
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मालिनी छन्द

========================== रचयिता : भारत भूषण पाठक विधा :- मालिनी छन्द विधान :- नगण नगण मगण यगण यगण होत अलौकिक प्रकाश, जेल में देख के कंस मन,हिय अकुलायो। है ये कैसो प्रकाश जो ऐसो ताहि के पार न देखि पायो।। द्वार खुले अरू बेड़ी टूटे चहुँओर देखो धुँध है छायो। लेत वसुदेव जग तारण को। यमुना जी में पाँव बढ़ायो।। है ये कैसो भाग वसुदेव को। घर में जो जगतारण आयो। फूल गिरे अरू अम्बर से जो। स्वयं हरि के ऊपर आयो।। देख हरि को यमुना जी में यमुना जी भी ऊपर धायो। है यह कैसो भाग जो हमरो आयो स्वयं नारायण आयो।। लेखक परिचय :-  नाम - भारत भूषण पाठक लेखनी नाम - तुच्छ कवि 'भारत ' निवासी - ग्राम पो०-धौनी (शुम्भेश्वर नाथ) जिला दुमका(झारखंड) कार्यक्षेत्र :- आई.एस.डी., सरैयाहाट में कार्यरत शिक्षक योग्यता - बीकाॅम (प्रतिष्ठा) साथ ही डी.एल.एड.सम्पूर्ण होने वाला है। काव्यक्षेत्र में तुच्छ प्रयास :- साहित्य...
रोटी
कविता, छंद

रोटी

======================== रचयिता : वन्दना पुणतांबेकर सायली छन्द की कविता रोटी तुम हो छोटी मोटी पतली भूख तुम्ही मिटाती। *** कही घी चुपड़ी कही सूखी रहती तृप्ताति आत्मा माँ। *** तुम्हारे हाथों भाती गर्म रोटी जीवन सन्देश सिखलाती। *** भूख तृष्णा तुम्ही ज्वाला पेट की बुझती तुम भाति।   परिचय :- नाम : वन्दना पुणतांबेकर जन्म तिथि : ५.९.१९७० लेखन विधा : लघुकथा, कहानियां, कविताएं, हायकू कविताएं, लेख, शिक्षा : एम .ए फैशन डिजाइनिंग, आई म्यूज सितार, प्रकाशित रचनाये : कहानियां:- बिमला बुआ, ढलती शाम, प्रायचित्य, साहस की आँधी, देवदूत, किताब, भरोसा, विवशता, सलाम, पसीने की बूंद,  कविताएं :- वो सूखी टहनियाँ, शिक्षा, स्वार्थ सर्वोपरि, अमावस की रात, हायकू कविताएं राष्ट्र, बेटी, सावन, आदि। प्रकाशन : भाषा सहोदरी द्वारा सांझा कहानी संकलन एवं लघुकथा संकलन सम्मान : "भाषा सहोदरी" दिल्ली द्वारा आप भी अपनी क...