सनातन के प्रणाम
गोपाल पांडेय "आजाद"
औरैया (उत्तर प्रदेश)
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।।सनातन के प्रणाम।।
शीश गंग धार और कण्ठ में भुजंग माल
भूत प्रेत धारी के सुधाम को प्रणाम है।
असुरों का किया वध पावन किया अवध
सूर्यवंश अंश श्री राम को प्रणाम है।
द्रुपद सुता की चीरबृद्धि से हरी थी पीर
ऐसे बलराम भ्रात श्याम को प्रणाम है।
पित्र का चुकाया ऋण पुत्र का निभाया धर्म
रौद्ध के स्वरूप परशुराम को प्रणाम है।
।। हमारे प्रतीक।।
सनातनी संस्कृति, सभ्यता समाज सब
संस्कार शौर्य स्वाभिमान के प्रतीक है।
वीरगाथा काल वाले, शब्दभेदी वाण वाले
पूर्वज हमारे अभिमान के प्रतीक है।
झुकने न दिया भाल वैरी हेतु बने काल
महाकाल के पुजारी शान के प्रतीक है।
भारती की आरती में शीश जो चढ़ाते नित
भारत के वीर बलिदान के प्रतीक है।
परिचय :- गोपाल पांडेय "आजाद"
निवासी : औरैया (उत्तर प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वा...