श्री राम बसें सबके मन में
अंजनी कुमार चतुर्वेदी
निवाड़ी (मध्य प्रदेश)
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नवमी तिथि चैत्रमास पावन,
सुंदरता प्रभु की मनभावन।
जन्मे है आज रामप्यारे,
सुंदरता में जग से न्यारे।
हे राम आपको नमन करूँ,
अपने उर मैं विश्वास भरूँ।
आ जाओ जग मंगल करने,
भक्तों के मन श्रद्धा भरने।
जो डूबे पापाचारों में,
उलझे हैं अत्याचारों में।
दिन रात कुकर्मों में रत हैं,
कुविचारों में चिंतन रत हैं।
आघात करें मानवता पर,
हर्षित होते दानवता पर।
पशु वृत्ति समाई है इनमें,
ना दया धर्म इनके मन में।
शुचिता का इनको भान नहीं,
निज जननी का अभिमान नहीं।
हैं कायर और कपूत बड़े,
मानवता के विपरीत खड़े।
श्री राम उठा लो धनुष बाण,
जनमानस के विपदा में प्राण।
आ जाओ राम संताप हरो,
दुष्टों का सत्यानाश करो।
जब मनुज मुक्त हो हर दुख से,
तब मने रामनवमी सुख से।
चहुँ ओर खुशी हो जन-जन में,
प्रभु राम बसें सबके मन म...





















