पनघट
डॉ. भावना सावलिया
हरमडिया (गुजरात)
********************
विष्णुपद छंद
दृश्य सुहाना पनघट पर का, चहल-पहल सारी,
चली नीर भरने पनिहारी, ले गगरी न्यारी,
पायल को छनकाती चलती, कटि को लचकाती,
तिरछी नैनों से दिख के वो, हिय में शरमाती ।
पायल की झनकार जगाती, प्रीत युवा दिल में,
मधुकर मँडराते हैं मानो, पुष्पों के दल में ,
बीच घोर घन कुंतल दिखती, चंद्र-मुखी प्यारी,
घायल सबको करती चलती, मधु मुस्का न्यारी।
छोटी-सी ठोकर से छलके, निर्मल जल घट का,
मानो नीलांबर है बरसे, खोल स्नेह पट का ,
बूँद मोतियों-सी सिर पर से, अधरों पर ठहरी,
ओस पंखुडी पर मोती-सी, शोभित है गहरी।
परिचय :- डॉ. भावना नानजीभाई सावलिया
माता : वनिता बहन नानजीभाई सावलिया
पिता : नानजीभाई टपुभाई सावलिया
जन्म तिथि : ३ अप्रैल १९७३
निवास : हरमडिया, राजकोट सौराष्ट्र (गुजरात)
शिक्षा : एम्.ए, एम्.फील, पीएच. डी, जीएसईटी
स...