टेसू के फूल
मनोरमा जोशी
इंदौर म.प्र.
********************
होले-होले फैल रहीं,
जंगल की आग,
खिल रहे पलाश,
सुबह हो या शाम,
बौराये आम,
चुप है चमेली,
मौन अमलतास,
होले-होले फैल,
रहीं है आग।
फूल आफताब,
सुर्ख सा गुलाब,
कैद है खुशबू,
जहान बदहवास,
रूप कचनार,
अकेली रतनार,
प्रियतम के दिन,
प्रियतम के पास,
खिले टेसू मौन,
चुप चमेली अमलतास।
परिचय :- श्रीमती मनोरमा जोशी का निवास मध्यप्रदेश के इंदौर में है। आपका साहित्यिक उपनाम ‘मनु’ है। आपकी जन्मतिथि १९ दिसम्बर १९५३ और जन्मस्थान नरसिंहगढ़ है।
शिक्षा - स्नातकोत्तर और संगीत है।
कार्यक्षेत्र - सामाजिक क्षेत्र-इन्दौर शहर ही है। लेखन विधा में कविता और लेख लिखती हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी लेखनी का प्रकाशन होता रहा है। राष्ट्रीय कीर्ति सम्मान सहित साहित्य शिरोमणि सम्मान, हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक सम्मान और सुशीला देवी सम्मान प...