तुम संग रिश्ते में पतंग मैं
प्रो. आर.एन. सिंह ‘साहिल’
जौनपुर (उ.प्र.)
********************
तुम संग रिश्ते में पतंग मैं औ तुम डोर हमारी हो
कटी पतंग न बन जाऊँ मैं ऐसी दुआ तुम्हारी हो
तुम बिन ख़ुशियाँ नामुमकिन हैं इतना तो एहसास रहे
फंसी नाव जब कभी भँवर में तुम ही मुझे उबारी हो
तुम काशी मम तुम मथुरा हो तुम ही हो गंगा सागर
पावन संगम की अभिलाषा रखता तेरा पुजारी हो
कंकरीली राहों पर चलकर तेरे दर पर पहुँचा हूँ मैं
एक फ़क़ीर की झोली भर दो दिल से राजकुमारी हो
तुमसे रौनक़ बढ़ जाती है फ़िज़ा चहकने लगती है
नेह पे तेरे हक़ हो जिसका कैसे भला दुखारी हो
पड़ जाते त्योहार हैं फीके अगर तुम्हारा साथ नहीं
हर कोशिश कर हार के बैठा जैसे कोई मदारी हो
ग़म के सागर में है कश्ती राह तुम्हारी देख रहा मैं
आ जाओ तुम बन के साहिल जैसी भी दुश्वारी हो
परिचय :- प्रोफ़ेसर आर.एन. सिंह ‘साहिल’
निवासी :जौनपुर उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : मनोविज्ञा...