बलिदान पर्व
सरला मेहता
इंदौर (मध्य प्रदेश)
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भारत
लेता रहेगा बलिदान का बदला
सरफरोशी-तमन्ना दिल में लिए
कफ़न सर पे बाँध वे चल पड़े थे
आज़ाद, भगत, सुखदेव, बिस्मिल
फाँसी से ब्याह रचाने वाले दूल्हे
आसमाँ के अब सितारे बन गए
सौरभ, विभूति, विक्रम, नचिकेता
उरी, पुलवामा, पहलगाम हमलें
आतंकी जवाला में झुलस गए
मेहँदी, मंगलसूत्र व चूड़ियाँ भी
सुहागिनों की, साथ ही वे ले गए
जिंदगी अभी जी नहीं थी लालों ने
हजारों ख्वाइशें भी करनी थी पूरी
बूढे माँ पिता की सेवाएँ थी अधूरी
तमगे विभूषण सारे सौपकर अपने
अपने अंतिम सफ़र पर चल दिए हैं
उम्र कच्ची थी, हौंसलें थे बुलंद
सीनों पर खाते रहे थे गोलियाँ वे
होम अपनी जिंदगियाँ करके गए
सिंदूर सजनियों का ले चल दिए
आसमाँ के ये फ़रिश्ता बन गए हैं
परिचय : सरला मेहता
निवासी : इंदौर (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि...