तेरा आज यूॅ मुस्कराना
मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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तेरा आज यूॅ मुस्कराना
हमें मिला है यूॅ खज़ाना
बहारो का भी खीलना
दो दिलो का यूॅ मिलना
हजार महफिल हो सजी
ओर तुम्हारा यूॅ संवरना
तेरे दीदार का होना ही
हमारे दिल का यूॅ हंसना
तुम हो दिल का खजाना
कहता हे सब, ये जमाना
तुम्हारा यूॅ खिले रहना
ओर मेरा यूॅ गुन गुनाना
तस्वीर सजाई हे "मोहन"
मानो दिल का यूॅ सपना
परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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