होली कैसे मनाएं
ममता रथ
रायपुर (छत्तीसगढ़)
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रेत के कच्चे घरों की
ढह गई संवेदनाएं
इन तनावों के नगर में
होली कैसे मनाएं
सारे संबंध अब तो
स्वप्न जैसे हो गये
देह मिट्टी का खिलौना
सोच पैसे हो गये
रक्त सारा हृदय का
कच्चे रंगों सा धुल गया
झूठे आश्वासनों का रंग
देखो सब पर चढ़ गया
भावनाएं बर्फ़ की
चट्टान जैसी जम गई
और सारी सोच निश्चित
दायरे में थम गई
चारों ओर सन्नाटा,
चारों ओर खौफ है
इन तनावों के साथ
हम होली कैसे मनाएं?
परिचय :- ममता रथ
पिता : विद्या भूषण मिश्रा
पति : प्रकाश रथ
निवासी : रायपुर (छत्तीसगढ़)
जन्म तिथि : १२-०६-१९७५
शिक्षा : एम ए हिंदी साहित्य
सम्मान व पुरस्कार : लायंस क्लब बिलासपुर मे सम्मानित, श्री रामचन्द्र साहित्य समिति ककाली पारा रायपुर २००३ में सांत्वना पुरस्कार, लोक राग मे प्रकाशित, रचनाकार में प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह...




















