वो बेटी रूप में जन्म चाहती है..
विनोद वर्मा "आज़ाद"
देपालपुर
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एक बहुत ही सुंदर लड़की पर एक लड़के के एकात्म प्यार ने मना करने पर तेजाब फैंक उसका चेहरा झुलसा दिया। वह उस शख्स से प्रश्न पर प्रश्न करती है..... ....!! ......??
एक बहुत सुंदर सी लड़की पर फेंक दिया तेजाब,
सुन्दरता हो गई हवन जिंदगी हो गई बर्बाद।
लड़की लिख रही है उस दुष्ट दरिंदे के लिए,
क्या वो छोड़ सकता है परिजन इस परिंदे के लिए?
व्यंग्य भी है,
अतिप्रेम भी है,
समर्पण भी है,
त्याग-तपस्या भी है।
प्रश्न भी है,
चाहत भी है,
शांति का संदेश भी है,
प्यार का घिनौना रूप भी है।
क्या वह शख्स उसे अपनाएगा,
क्या उसका इंसान अब जाग जाएगा।
पागलपन की हद और गुस्से के सैलाब में दब गई आत्मा,
अंधे ज़ुनून की हद पार कर हो गया सुन्दरता का खात्मा
अब वह चाह रही है दुष्ट से कि बना एक तालाब,
मैं प्यार में डूबने को तैयार हूं भरदे उसमें तेजाब।
अब वो कर रही प्रश्न प...