होके तुमसे जुदा
दामोदर विरमाल
महू - इंदौर (मध्यप्रदेश)
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होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर...
तेरी गुस्ताखियों को हमने किया अनदेखा।
तेरे संग ही जुड़ी है मेरे हाथों की रेखा।
तुम जो रूठोगे तो दुनिया से चले जाएंगे...
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर...
तेरी वजह से मेरी ज़िंदगी खुशहाल हुई।
मेरी किस्मत तेरे आने से मालामाल हुई।
जाने अनजाने में तुझे न अब सताएंगे...
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर...
मुझपे रखना यकीन ये तुझे है कसम।
मेरी हर बात में तेरा नाम रखता हूँ सनम।
सातों जनमो का तुझसे रिश्ता हम निभाएंगे...
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर...
तेरे एहसानों को मैं भूल नही पाऊंगा।
तेरी ख़ाहिश के लिए खुद ही बिक...