पर्यटन
श्याम सुन्दर शास्त्री
(अमझेरा वर्तमान खरगोन)
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पर्यटन है नही कोई व्यसन
खानपान का अनुशासन
सहयोग, समत्व, सौहार्द
धैर्य, शांति अनुशीलन
प्रकृति का सानिध्य
आनन्द मय वातावरण
वंदन, चिंतन, मनन
हो रहा कल्याण मय जीवन
सहबन्धूओ का स्नेह, प्रेम
जैसे उदित हो रही
नव प्रभात किरण
भजन, कीर्तन से
हो रहा अंतर्मन शोधन
इतिहास, संस्कृति मय पर्यावरण
समावेश कर रहा नव यौवन
चंचल, चपल मन
स्थित हो रहा निज भुवन
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लेखक परिचय :- श्याम सुन्दर शास्त्री, सेवा निवृत्त शिक्षक (प्र,अ,)
मूल निवास:- अमझेरा वर्तमान खरगोन
शिक्षा:- बी,एस-सी, गणित
रुचि:- अध्यात्म व विज्ञान में पुस्तक व साहित्य वाचन में रुचि ...
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