आज पुराने दोस्तों से मिलने को मन करता है…
आज पुराने दोस्तों से मिलने को मन करता है...
रचयिता : ईन्द्रजीत कुमार यादव
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आज पुराने दोस्तों से मिलने को मन करता है...
कॉलेज के गलियारे में बैठ ठिठोली करना चाहता हुँ,
बिना पूछे दोस्त की टिफिन को चट करने का मन करता है,
बेवजह झगड़ कर फिर माफी मांगने को जी करता है,
क्लास की पहली बेंच पे अधिकार जमाने को जी करता है।
आज पुराने दोस्तों से मिलने को मन करता है...
सब व्यस्त होंगे अपने दो पल की जिंदगी में,
छोटा सा लमहा खरीद कर बाँट दूँ उन दोस्तों को,
जिसमें सब एक साथ मिलकर खिलखिलाए,
ऐसे वख्त को बांधने को जी करता है।
आज पुराने दोस्तों से मिलने को जी करता है...
क्रिकेट के मैदान में कि मैं आज खेलूँगा या नही,
ऐसे कोने में रूठ कर खड़ा होने को जी चाहता है,
मैच हारने पर एक दूसरे...