दृढ़ निश्चय
किरण पोरवाल
सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
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भावना की लहर में
बहते चले गए सदा,
चोट तो बहुत है खाई,
पर बढ़ते चले गये सदा।
कभी फूल भी मिले,
कभी कांटों पर चले,
सुख दुख की झाड़ी से,
निकलते गये सदा।
कभी प्रशंसा की बौछार,
कभी गाली भी मिले,
सबको नमस्कार कर,
हम तो बस बढे़ चले।
आंधी और तूफान ने,
घेर हैं हमको है सदा,
रोशनी और प्रकाश देख,
हम तो बस बढे़ चले।
भावना प्रबल हो जहां,
कार्य की उमंग हो,
दृढ़ निश्चय ठान के हम,
तो बस बढ़ते चले।
दृढ़ निश्चय ठान के हम,
अपने पथ पर है चले।
परिचय : किरण पोरवाल
पति : विजय पोरवाल
निवासी : सांवेर रोड उज्जैन (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : बी.कॉम इन कॉमर्स
व्यवसाय : बिजनेस वूमेन
विशिष्ट उपलब्धियां :
१. अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मित्र मंडल जबलपुर से सम्मानित
२. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन से सम्मानित
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