खिलखिलाती धूप हूँ
प्रीति तिवारी "नमन"
गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
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खिलखिलाती धूप हूँ,
सुबह की बयार हूँ,
गुलशन सी महकती,
नित नई बहार हूँ।
मन्दिर का एक दीप भी हूँ,
और एक धधकती आग भी हूँ।।
साज और शृंगार भी हूँ,
सुन्दर सा एक राग भी हूँ।।
धैर्य हूँ धरा बन
सब कुछ सह लेती हूँ।
सब की खुशी में भी,
मैं भी हँस लेती हूँ।।
घर घर का मान हूँ,
और अभिमान हूँ।
जीवन में चेतना हूं
और संचार हूँ।।
व्यक्ति हूँ, अभिव्यक्ति हूँ,
स्वरूपा हूँ शक्ति हूँ।
पावन हूँ प्रीति हूँ,
निश्छल हूँ, नूतन हूँ।।
साथी हूँ, सन्गनी हूँ,
माँ और बहन हूँ।
हाँ मैं एक स्त्री हूँ ...
नहीं चाहिये मुझे
व्याख्या और बखान
आंचल में समेटना चाहती बस,
प्यार और सम्मान,
प्यार और सम्मान ...
परिचय :- प्रीति तिवारी "नमन"
निवासी : गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश)
उद्घोषणा : मैं यह प्रमाणित करती...