मातारानी का है आगमन
प्रेम नारायण मेहरोत्रा
जानकीपुरम (लखनऊ)
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मातारानी का है आगमन हो गया,
उनकी महिमा उन्ही को सुनाते चलो।
पूरे नौराते माता की महिमा को गा,
उनकी करुणा कृपा, नित्य पाते चलो।
मातारानी का है...
नौ दिनों मेरी मैय्या के नौ रूप है,
रहती शीतल सदा, काली में धूप है।
वो बुलाती है भक्तों को निज धाम पे,
तुम भी पग उनके दर को बढ़ाते चलो।
मातारानी का है....
मैय्या का भव्य होता है श्रंगार नित,
वो बहाती है करुणा को भक्तों के मित।
कवि को महिमा बताती, वो लिखते उसे,
स्वर के ज्ञाता हो तो, उनको गाते चलो।
मातारानी का है...
नौ दिनों तक बरसता है, अमृत जहां,
भक्त मैय्या की महिमा को गाते जहां।
मैय्या मोती लुटाने को आई धारा,
तुम भी दर जाके, झोली फैलाते चलो।
मातारानी का है ...
परिचय :- प्रेम नारायण मेहरोत्रा
निवास : जानकीपुरम (लखनऊ)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित...