जिंदगी
सौरभ पांडे
सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)
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सोच कर बैठ जाती है आंखें देख उसे,
बातों बातों खुश हो जाता दिल सोच कर उसे।
वक्त नहीं खराब किस्मत मेरी है खराब,
शायद दिल बद्दुआ ना दे इसलिए पी लेता हूं शराब।
पत्थर से टकरा जाता है सिर मेरा,
दोष किसी और को क्यों दूं जो नहीं है अपना।
क्या चाहती हो जिंदगी मुझे तुम बता दे,
समय नहीं मेरे पास समय से पहले समझा दे।
दुख के आंसू पी जाएंगे, मौत आने से पहले,
मुझे कोई दर्द नहीं होगा तेरे जाने के बाद।
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परिचय :- सौरभ पांडे
शिक्षा : बी टेक एग्रीकल्चर के साथ योगा में डिप्लोमा
निवासी : सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश
सम्प्रति : सिंचाई विभाग
प्रकाशन : बालहंस सुमन सौरभ जोश जागरण नंदन आदि पत्रिकाओं में अपने लेख के साथ-साथ समाज सेवा के साथ विभिन्न अवार्ड एवं सम्मान प्राप्त
शपथ : मेरे द्वारा लिखी गजल पूर्णता अप्रकाशित है एवं सभी जानकारी पूर्णता सत्य है अ...