नूतन वर्ष मंगलमय हो
हरिदास बड़ोदे "हरिप्रेम"
गंजबासौदा, विदिशा (मध्य प्रदेश)
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नूतन वर्ष मंगलमय हो,
सारा जहां रोशन रहे।
दिन दुनी रात चौगुनी हो,
खुशियों की सौगात रहे।
पुलकित मन सबका हो,
ऐसा मन में विश्वास रहे।
खुशियों भरा जीवन हो,
भाईचारे का विस्तार रहे।
इच्छाओं की पूर्ति हो,
शतबुद्धि हमारे पास रहे।
धन संपदा घर में हो,
सुख समृद्धि का वास रहे।
फूलों की तरह महक हो,
गुलिस्तां का बागवान रहे।
प्रेमभाव और समागम हो,
सदा ईश्वर का वरदान रहे।
मूलमंत्र है सहज जीवन हो,
सद्द्विचारों का सम्मान रहे।
नववर्ष की पावन बेला हो,
अनुपम रिश्तों में सुधार रहे।
परिचय :- हरिदास बड़ोदे "हरिप्रेम"
निवासी : गंजबासौदा, जिला- विदिशा (मध्य प्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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