Monday, May 20राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

भारत की विरासत

आशीष प्रवीण पंचोली
अमझेरा धार (मध्यप्रदेश)
********************

भारत की विरासत
हमें प्यारी है,
झलकती जिसमे भारतीय
संस्कृति हमारी है!
सवेरे उठ माता-पिता के
चरण वंदन हम करते है,
छोटो को प्यार-मान
सम्मान हम देते है!
संस्कारो की यह भूमि
बतलाती कई कहानी है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत
हमें प्यारी है !!

वेद पुराणो का यहाँ
आचरण किया जाता है,
यहाँ नारी को सीता बालक को
राम कहा जाता है!
बहती नदियो की धारा यहाँ
आस्था के दीप जलाती है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत
हमें प्यारी है !!

उत्तर मे बसा हिमालय
नया रूप सजाता है,
त्योहारो को यहाँ मिल
जुलकर मनाया जाता है!
बोली यहाँ प्रेम, स्नेह,
मर्यादा की भाषा सिखलाती है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत
हमें प्यारी है !!

इतिहास हमारा विरासते
काई बंया करता है,
चेतक, बादल, पवन, घोड़े
देशप्रेम समर्पणकर्ता है!
लक्ष्मी दुर्गा रूप और
काली शिव को ललकारती है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत
हमें प्यारी है !!

सरहद पर खड़ा सैनिक
भारत मां की शान है,
केसरिया, सफेद, हरा तिरंगा
हमारी पहचान है!
जन-गण-मन का राष्ट्रगान और
शहीदों की अमर कहानी है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत
हमें प्यारी है !!

हाथो की मेहंदी और
सिंदूर यहाँ के रिवाज है,
तुलसी, नीम, मिर्ची, दादी माँ के
नुस्खे बड़े ख़ास है !
दिया शून्य, वेद, मंत्र जिसने और
चाणक्य निति जहाँ आधारित है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत हमें
प्यारी है !!

भारतीय विरासत के गुण गान
का कोई अंत नही है,
ये अन्य देशो मे हमें
लोकप्रियता दिलवाती है,
आप को संवारना है मुझे
कहती विरासत हमारी है,
झलकती जिसमें भारतीय
संस्कृति हमारी है!
भारत की विरासत हमें
प्यारी है !!

परिचय :- आशीष प्रवीण पंचोली
निवास : अमझेरा धार (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *