नई दिल्ली। माँ शब्द स्वयं एक अद्भुत रचना है, काव्य है, महाकाव्य है। माँ के लिए हम क्या लिख सकते हैं, माँ ने ही तो हमें लिखा है। अवसर था मातृ दिवस का। कलम लाइव अकादमी के भव्य पटल पर मातृ दिवस के अवसर पर ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। मुख्य अतिथी के रूप में मंच पर उपस्थित थे अध्यक्ष राजू कुमार चौहान, उपाध्यक्ष सौरभ कुमार ठाकुर, सचिव आर्यन राज, जय अवस्थी, शाहरुख मोईन, ओमप्रकाश मेरोठा व अन्य। प्रतियोगिता में पूरे भारतवर्ष से तीस से भी अधिक रचनाकरों ने प्रतिभाग किया। इंदौर मध्यप्रदेश से युवा लेखिका टिशा मेहता, बनारस, उत्तरप्रदेश से सूबेदार पांडेय आत्मानंद, व गीतांजली वार्ष्णेय, बजरंग लाल सैनी "वज्रघन", निशा भारती, संजय जैन, अनंतराम चौबे, गरिमा, रश्मिलता मिश्रा, दीनदयाल सोनी "स्वर्ण", प्रशांत कुमार "पी.के.", गरिमा कांसकार, कंचन प्रभा, आनंद बाला शर्मा, ओमप्रकाश मेरोठा, कमलकिशोर ताम्रकार...