दहेज
श्रीमती क्षिप्रा चतुर्वेदी
लखनऊ (उत्तर प्रदेश)
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जब तुम मेरे घर आना,
अपने साथ थोड़ा
दहेज जरूर ले आना !!
कुछ अटैची, कुछ बक्से
जिनमे भरे हो तुम्हारे
बचपन के खिलौने,
तुम्हारे बचपन के कपड़े,
छुटपन की अठखेलियाँ
और सहजता
साथ ले आना !!
तुम्हारी पवित्र मुस्कराहट को
शृंगार की डिब्बे में भर लाना,
अपने चेहरे की आभा और
स्वयं की दृढ़ता भी साथ ले आना !!
कुछ बक्सों मे अपने संस्कार
अपनी संस्कृति साथ भर लेना!
थोड़ा प्रेम और करुणा का
आभूषण भी जरूर ले आना !!
कुछ अटैची में अम्माँ-बाबुजी का
आशीर्वाद और परिवार की
खूबसूरत बातेँ उनकी
यादें साथ में सहेज लाना !!
अपना दुःख और अपनी तकलीफें,
साथ ले कर आना, तुम्हारा
हम कदम बन तुम्हारी पीड़ा
आत्मसात कर लूंगा ऐसा भरपूर
विश्वास मन मे ले कर आना !!
सखी-सहेलियों की यादें,
कुछ स्मृतियों के
पन्ने भी रखना मत...



















