दिग दिगंत में हिन्दी
मालती खलतकर
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************
हम हिन्दी हिन्दुस्तानी
रखते हर क्षैत्र में अपना सानी
खेल, संस्कृति, शिक्षा, गृह, नक्षत्र
का अन्वेषण कर आगे बढ़ते
नित नवीन पथ की ओर।
ओर, छोर न पार देखते
देहलीज लांघ कर
पीछे मुड कर न देखते
ऐसे सैनिक देश के
बलिवेदी पर चढ़कर निकलें
हिन्द देश के वासी।
दिग दिगंत में क्षैत्र, क्षेत्र में
फैली हिन्दी भाषा
विभिन्न अलंकारों से सजी
नव रसो से भरी मेरी
मेरी हिन्दी भाषा।
परिचय :- इंदौर निवासी मालती खलतकर आयु ६८ वर्ष है आपने हिंदी समाजशास्श्र में एम ए एल एलबी किया है आप हिंदी में कविता कहानी लेख गजल आदि लिखती हैं व आपकी रचनाएँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं मैं प्रकाशित होते हैं आप सन १९६८ से इंदौर के लेखक संघ रचना संघ से जुड़ी आप शासकीय सेवा से निमृत हैं पीछेले ३० वर्षों से धार के कवियों के साथ शिरकत करती रही आकाशवाणी इंदौर से...