क्या जानते हो
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रचयिता : संजय जैन
मन की बात मन जानता है।
दिल की बात दिल जानता है।
मोहब्बत को मोहब्बत,
करने वाला पहचानता है।
अरे ये तो दिल लगी कि बाते है।
जो प्यार मोहब्बत में जीने वाला जानता है।।
उदासी भरी जिंदगी क्या होती है।
ये मोहब्बत में चोट खाने वाले से पूछो।
कि तन्हा में जिंदगी जीना क्या होता है।
एक लुटा हुआ इंसान,
कैसे जिंदगी जीयेगा।
यदि आदत हो मोहब्बत में रहने की।।
गमे जिंदगी की शाम क्या होती है।
ये गम में रहने वाला ही जानता है।
आदत हो यदि पीने की,
तो पीने वाला जानता है।
बाते है ये सब मदहोशी में जीने वालो की।
जो मोहब्बत पर लिखने वाला,
शायार जानता है।
और इस जमाने की,
आदत को पहचानता है।।
.लेखक परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रि...




















