मर गया
राजेन्द्र लाहिरी
पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
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पैदा हुआ,
उठा बैठा,
खेला कूदा,
पढ़ा लिखा,
पढ़ाया कभी नहीं,
परिवार बनाया,
खाया पीया,
खिलाया कभी नहीं,
सोकर जगा,
जगाया कभी नहीं,
न बोला,
न चीखा न चिल्लाया,
न हक़ बचाने सामने आया,
ताउम्र मृत रहा,
बस
बेनाम मौत मर गया।
परिचय :- राजेन्द्र लाहिरी
निवासी : पामगढ़ (छत्तीसगढ़)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
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