साथ मिले तो
संजय जैन
मुंबई
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तेरे प्यार का मुझको,
यदि मिले जाए आसरा।
तो जिंदगी हंसकर के,
गुजर जाएगी यू ही।
दिल के अंधेरे में एक,
प्रकाश की किरण जलेगी।
और मेरा अकेलापन,
शायद दूर हो जाएगा।।
तुझे देखकर दिल,
मेरा धड़कने लगा है।
बुझे हुए दीये,
फिर से जलने लगे है।
कुछ तो बात है तुममें
जो दिल की धड़कन हो मेरी।
तभी तो उजड़े हुए बाग को,
फिरसे खिला दिया तुमने ।।
दिलों का मिलना भी,
एक इत्तफाक ही तो है।
तुमसे प्यार होना भी,
एक इत्तफाक ही तो है।
तभी तुम बार बार मेरे,
सपनो में आते जाते हो।
ये कोई इत्तफाक नही,
तेरे दिल में भी कुछ तो है।।
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परिचय :- बीना (मध्यप्रदेश) के निवासी संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं। करीब २५ वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं हिंदी रक्षक मंच (hindirakshak.com) सहित बहु...











