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व्यवहारिक कुशलता

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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बड़ी बहुत जिंदगी बड़ा बहुत संसार,
जिंदगी बेकार बने, सीखा न व्यवहार,
व्यवहार कुशल होना, होती बड़ी बात,
इससे जीवन मोल है, जन्मभर दे साथ।

दो प्रकार के लोग, मिलते इस संसार,
बुद्धिमान को लोग, करे जमकर प्यार,
एक तो वो ज्ञानी, कहलाते जगत में,
दूजे जो है पागल, मिलते कई हजार।

पागल उनको जानिये, न जाने व्यवहार,
मार पीटकर दम ले, नहीं माने वो हार,
बुद्धिमान वो कहलाते, कुशल व्यवहार,
हर काम को पूरा करे, जन से हो प्यार।

व्यवहार कुशल जो, इस जहान में हो,
व्यवहारिक कुशलता का जिनको ज्ञान,
ऐसे जन सदा सफल हो हर जगह पर,
अच्छे बुरे की मिलती उसको पहचान।

भूख मरेगा वो जग, कुशल न व्यवहार,
पैसे लेकर लौटाये ना, करता ऐसे कार,
एक बार तो दे देंगे, धन, वस्तु व्यापार,
भूले से फिर ना मिले, लोगों का प्यार।

गरीब वहीं कहलाते, जाने ना व्यापार,
या फिर उनका, कुशल नहीं व्यवहार,
लाख प्रयास फिर करे, डूबे कारोबार,
अपना सगा उसको, देगा नहीं उधार।

सीखो जगत में कुशलता, बनेंगे काम,
व्यवहार कुशल फिर बनो, होगा नाम,
व्यवहारिक कुशलता, होता एक धाम,
इस गुण के बिना तो, रगड़ो खूब बाम।

व्यवहारिक कुशलता, बेहतर गुण है,
जिससे अवगुण जाते जन, सभी भाग,
दुष्ट प्रवृत्ति अगर पैदा होगी जन जब,
व्यवहारिक कुशलता बन जाए नाग।

पूरे जगत में मांग बढ़ी, कहाता गुण,
व्यवहार कुशलता से, खत्म अवगुण,
चलते रहो, बढ़ते रहो, सीखो ये गुण,
व्यवहारिक बात पर, रुके ना अवगुण।

सफल जीवन हो, सीख ले व्यवहार,
नहीं काम आएंगे, अवगुण भरे हजार,
व्यवहारिक कुशलता से जन जग को,
सृष्टि में मिलता रहेगा सदा ही प्यार।।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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