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दायित्व

संजय वर्मा “दॄष्टि”
मनावर (धार)
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बकरी चराने गई बिटियाँ को
जरा सी देरी हो जाने पर
पढने जाने की फिक्र को लिए
माँ पुकार रही बिटियाँ को।

आवाज पहाड़ों से टकराकर
गुंजायमान हो रही
नदी भी ऐसे लग रही
मानो वो भी बिटियाँ को
ढूंढ़ने में बहते हुए
अपना दायित्व निभा रही हो।

शिक्षा से ही बिटियाँ ने पा लिया
एक दिन बड़ा ओहदा
माँ की याद आने पर
आज बिटियाँ ने पहाड़ों पर से
पुकारा जब अपनी माँ को।

तब पहाड़ हो चुके थे मोन
नदी भी हो चुकी थी सूखी
बकरियां भी हो गई गुम।
सूना लगने लगा घर।

क्योकि इस दुनिया में नहीं है माँ
बिटियाँ को शिक्षा का दायित्व
देते हुए देखा था
इसलिए ये सभी मोन होकर
दे रहे माँ को श्रद्धांजलि।

परिचय :- संजय वर्मा “दॄष्टि”
पिता :- श्री शांतीलालजी वर्मा
जन्म तिथि :- २ मई १९६२ (उज्जैन)

शिक्षा :- आय टी आय
व्यवसाय :- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग)
प्रकाशन :- देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ व समाचार पत्रों में निरंतर पत्र और रचनाओं का प्रकाशन, प्रकाशित काव्य कृति “दरवाजे पर दस्तक”, खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के ६५ रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान – २०१५, अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित
संस्थाओं से सम्बद्धता :- शब्दप्रवाह उज्जैन, यशधारा – धार, मगसम दिल्ली,
काव्य पाठ :- काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ, शगुन काव्य मंच
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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