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Tag: प्रांजल शुक्ला

जनजाति रंग में रंगा इंदौर, धूमधाम से मनाई भगवान बिरसा की १५०वीं जयंती
देश/विदेश/प्रदेश

जनजाति रंग में रंगा इंदौर, धूमधाम से मनाई भगवान बिरसा की १५०वीं जयंती

जनजाति गौरव दिवस की इंदौर में धूम, भगवान बिरसा मुंडा की १५०वीं जयंती पर उमड़ा जनजाति समाज भगवान बिरसा की भक्ति में सराबोर हुआ इंदौर, गौरव दिवस पर दिखी जनजाति संस्कृति की झलक इंदौर। जनजाति गौरव दिवस के अवसर पर इंदौर महानगर में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की १५०वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान जनजाति संस्कृति, परंपराओं और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को याद किया गया। जनजातीय विकास मंच इंदौर महानगर के संयोजक श्री राधेश्याम जामले ने बताया कि सम्पूर्ण महानगर के जनजातीय समाज के भाई व बहनें यात्रा के रूप में टंटया भील चौराहे पर पहुंचे। इसी कड़ी में सभी ने टंट्या मामा भील चौराहा स्थिति टंट्या मामा भील की प्रतिमा स्थल पर पहुंच कर भारत माता, भगवान बिरसा मुंडा व टंट्या मामा की आरती कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर जनजाति–आदिवासी नृत्य दल ने पारंपरिक वेशभूषा एवं वाद्ययंत्रो...
भारत का लक्ष्य युद्ध नहीं २०४७ तक विकसित भारत बनना
समाचार

भारत का लक्ष्य युद्ध नहीं २०४७ तक विकसित भारत बनना

नारद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में आपरेशन "सिन्दूर: भारत का सामर्थ्य" विषय पर बोले पूर्व भारतीय सैन्य सचिव सिंघू * भारत का लक्ष्य युद्ध नहीं २०४७ तक विकसित भारत बनना * भारतीय सैन्य शक्ति दुनिया की तीसरी बड़ी सैन्य शक्ति इंदौर। विश्व को भारत के सामर्थ्य का अनुमान था, लेकिन आपरेशन सिंदुर में उसे सभी देशों ने देख भी लिया। विश्व के देश भारत की नीतियों को प्रभावित करने का प्रयास करते है, लेकिन भारत की शक्ति को, भारत के सामर्थ्य को कम नहीं कर सकते है। आज भारत की सैन्य शक्ति देखकर दुनिया अचंभित है। भारतीय सैन्य शक्ति दुनिया की तीसरी बड़ी सैन्य शक्ति है, जिसकी शक्ति आपरेशन सिंदुर में विश्व ने देखी। पहलगाम हमला वास्तव में भारत को चुनौती थी, जिसका भारत ने करारा जवाब दिया। आपरेशन सिंदुर में भारत सौ प्रतिशत सफल रहा। युद्ध विराम भारत की कुटनीतिक विजय है। भारत कभी भी युद्ध नहीं चाहता है। भारत का लक्...
इतिहास का पुनर्लेखन अत्यंत आवश्यक है – डाॅ. धर्मवीर शर्मा
सामाजिक

इतिहास का पुनर्लेखन अत्यंत आवश्यक है – डाॅ. धर्मवीर शर्मा

इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के आईएमएस ऑडिटोरियम में डॉक्टर हेडगेवार समिति द्वारा 'चिंतन यज्ञ' नामक व्याख्यान में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक डॉ. धर्मवीर शर्मा का व्याख्यान संपन्न हुआ। अपने कार्य अनुभवों को साझा करते हुए श्री शर्मा ने कहा कि इतिहास का पुनर्लेखन बहुत आवश्यक है। आर्किटेक्ट सिलेबस में जब तक हम अपने इतिहास का अवलोकन नहीं करेंगे, तब तक अपने बारे में नहीं जान पाएँगे। आगे उन्होंने कहा कि जब उन्होंने फतेहपुर सीकरी के ३० किलोमीटर क्षेत्र में उत्खनन करवाया, तो उन्हें कई मंदिरों के अवशेष मिले। अकबर से पहले यह मंदिरों का एक नगर था। मात्र अकबर को महिमामंडित करने के लिए यह झूठ गढ़ा गया कि फतेहपुर सीकरी अकबर द्वारा बनवाया गया। इसी प्रकार ताजमहल भी पूरी तरह से भारतीय आर्किटेक्चर की निशानी है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि किसी भी बात को मानने से पूर्व स्वयं शोध करें ...